रूस ने फिर मारी बाज़ी, कोरोना वैक्सीन का 42 दिन बाद नतीजा सामने आया, दोनों ही सेम्पल हुए सफल

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

रूस की ओर से बनाया गया कोरोना वैक्सीन का ट्राएल सफल और सुरक्षित रहा है।

शुक्रवार को जारी परिणाम में बताया गया है कि वैक्सीन का सेफ़्टी प्रोफ़ाइल अच्छा है और टीका लगाए जाने के 42 दिन बाद तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ। वैक्सीन 21 दिन के भीतर मज़बूत एंटीबॉडी भी पैदा करने में सक्षम रहा।  

रिपोर्ट में बताया गया है कि दो हिस्से वाले वैक्सीन में दो adenovirus वेक्टर्स हैं जिसे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के लिए मोडिफ़ाइ किया गया है। इस तरह के पुनः संयोजक एडेनोवायरस वैक्टर का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। कई क्लीनिकल स्टडीज में इसके सुरक्षित होने की पुष्टि हो चुकी है। इस समय कई कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट इन वेक्टर्स का इस्तेमाल करते हुए SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करते हैं।

गमालिया नेशनल रिसर्च सेंटर के मुख्य लेखक डेनिस लोगूनोव ने कहा कि जब एडनोवायरस वैक्सीन लोगों के सेल्स में प्रवेश करते हैं, वे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन जेनेटिक कोड डिलिवर करते हैं, जिसकी वजह से सेल्स स्पाइक प्रोटीन पैदा करते हैं। यह इम्यून सिस्टम को SARS-CoV-2 वायरस की पहचान कर उस पर हमला करना सिखाता है। SARS-CoV-2 के खिलाफ शक्तिशाली इम्यून प्रतिक्रिया पैदा करने के लिए बूस्टर वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है।बताया गया है कि दो छोटे फ़ेज 1/2 का ट्रायल 42 दिनों तक चला, इनमें से एक वैक्सीन के फ्रोजन फॉर्म्यूलेशन का और दूसरे में फ्रीज-ड्राइज फॉर्म्यूलेशन का अध्ययन किया गया। फ्रोजन फॉर्म्युलेशन का इस्तेमाल वैक्सीन को बड़े पैमाने पर मौजूदा स्पलाई चेन के जरिए वितरण को लेकर किया जाएगा। फ्रीज-ड्राइड फॉर्म्यूलेशन का इस्तेमाल उन इलाकों के लिए किया जाएगा जहां पहुंचना मुश्किल है। इन्हें 2 से -8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है। (

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