फल एवं सब्जी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

शमीम अंसारी: एसएम न्यूज24टाइम्स .

बहराइच 01 अक्टूबर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों हेतु फल एवं सब्जी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ करते हुए डा. एम0पी0 सिंह ने बताया कि फल एवं सब्जी परिरक्षण एक कला है इस विधि से अनेक उपयोगी पदार्थ तैयार करके उनका मूल्य संवर्धन किया जाता है जिससे अधिक आमदनी प्राप्त होती है। इससे लघु उद्योग भी स्थापित किया जा सकता है।

सब्जियों का विशेष प्रसंस्करण के माध्यम से लंबे समय तक सुरक्षित रखना एवं तैयार उत्पादों को ऐसे समय में प्रयोग में लाना जब उनकी उपलब्धता ना हो इस प्रक्रिया में महिलाओं को जोड़कर अधिक रोजगार का सृजन किया जा सकता है। डॉ सिंह ने बताया कि फल एवं सब्जियों में 70 से 95 प्रतिशत तक नमी पाई जाती है। परिरक्षित पदार्थ बनाते समय विशेष ध्यान दिया जाता है कि तैयार पदार्थों में नमी की मात्रा इस प्रकार नियंत्रित की जाए कि उत्पाद जल्दी ना खराब हो। इस प्रक्रिया में सिद्धांतों का पालन किया जाता है।

केंद्र के वैज्ञानिक डा. आर0 के0 पांडेय ने परिरक्षण एवं मूल्य संवर्धन के सिद्धांत और रसायनिक परिरक्षण की विधियाँ एवं सावधानियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ0 शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आने वाले समय में किसान का आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण के प्रति रुझान ज्यादा है जिसमें खाद्य पदार्थों को तेल में तलने की जगह बेकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं या भूनकर खाद्य पदार्थों का मूल्य संवर्धन कर सकते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने विभागीय योजनाओ एवं फल एवं सब्जी प्रसंस्करण के वारे में विस्तृत जानकारी दी। उद्यान निरीक्षिका रश्मिी शर्मा एवं फल संरक्षण विभाग के प्रभारी सूर्य प्रकाश मिश्रा ने फल एवं संरक्षण की विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

प्रशिक्षण समन्वयक वैज्ञानिक रेनू आर्या ने बताया कि खाद्य पदार्थों के मौलिक आकार एवं रूप को परिवर्तित कर या आपरिवर्तित रखकर उनके पोषक तत्व एवं विटामिन को यथा संभव बनाए रखते हुए बिना विकृत के दीर्घ काल तक सुरक्षित रखने की विधियों एवं तकनीकों को परिरक्षण एवं उनका मूल्य संवर्धन कहते हैं। इस विधि में खाद्य पदार्थ के मौलिक आकार एवं रूप परिवर्तित करके हम अधिकांश परिरक्षक फलों एवं सब्जियों के लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं जैसे जैम जैली अचार मुरब्बा चटनी आदि।

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