दिल्ली में प्रदूषण की वजह से आम तौर पर धुंध छाया रहता है.
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है. शहर के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ऐसी नहीं है कि उसमें सांस भी लिया जा सके. दिल्ली के कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) या हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है. गुरुवार सुबह को दिल्ली के द्वारका में एक्यूआई 456 तक पहुंच गया. यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए बेहद बुरा है.
द्वारका के अलावा आरके पुरम में AQI का स्तर 451, आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास के इलाके में 440 और लोधी रोड में 394 तक पहुंच गया. दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. हालात यहां तक पहुंच जाते हैं कि सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. इससे खास तौर पर बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो जाता है.
प्रयासों का नहीं दिख रहा असर
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की गई है. केंद्र और राज्य स्तर पर भी प्रयास करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. यहां तक कि इस पर सुप्रीम कोर्ट भी इस पर चिंता जता चुका है. पराली जलाने को दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बताई जाती है. इसको लेकर पड़ोसी राज्यों से बातचीत भी की गई है. इस बाबत सख्त कानूनी प्रावधान भी किए गए हैं. इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
गाजियाबाद-नोएडा के हालात बदतर
वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की हालत बदतर हो गाई है. 4 नवंबर को गाजियाबाद में एक्यूआई का स्तर 632 तो नोएडा इलाके में 900 को पार कर गया था. यह स्थिति आमजन के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं. बता दें कि ये हालात दिवाली के पहले हैं. दिवाली के दिन और आने वाले कुछ और दिनों तक वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद भयावह हो जाती है.