इंडो-नेपाल सीमा पर वाहनों के आवागमन रोक से लोगों को हो रही है भारी दिक्कत

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

तस्करों की है पौ बारह,तस्करी में नही है कोई कमी

इंडो-नेपाल बॉर्डर देश और दुनिया मे जब वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस की शुरुवात होई तो अन्य सीमाओं की भांति इंडो-नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया था उस समय ही लाखों की संख्या में नेपाली कामगार भारत मे थे और भारतीय कामगार नेपाल में वर्तमान समय में दोनों ही देश के सुरक्षा कर्मी आई डी देखकर लोगों को आने जाने दे रहे हैं दोंनो देशों की सीमा पर आने जाने वाले लोगों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती है भारतीय क्षेत्र में एस एस बी नेपाल जाने वाले लोगों की नागरिकता देख कर जाने की इजाज़त दे देती है इसी प्रकार नेपाली चौकी जमुनहा में भी यही क्रम सुबह से शाम तक जारी रहता है ज्ञात हो कि लोगों का आवागमन बदस्तूर जारी है मगर माल वाहनों के अतिरिक्त किसी अन्य वाहनों को दोनों देशों में आने जाने नही दिया जाता है स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना व्यक्तियों से फैलता है न कि वाहनों से दोनों तरफ के सुरक्षा कर्मी लोगों को तो जाने देते हैं मगर दो पहिया या चार पहिया वाहनों को अपने ही इलाके में रोक लेते हैं वाहन स्वामी रुपईडीहा व नेपालगंज पैदल ही आवागमन करते हैं यह प्रक्रिया एक हास्यस्पद है कि लोग आ जा रहे हैं और जिनसे कोरोना का खतरा नही वाहनों को रोका जा रहा है जिस कारण दोनों देशों के नागरिकों को भारी तकलीफ उठानी पड़ रही है महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे दो किलोमीटर तक पैदल चलने को विवश हैं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जहां एक तरफ आम लोगों को सीमा क्षेत्र में दिक्कत उठानी पड़ती हैं वहीं दूसरी तरफ लॉक डाउन से लेकर आज तक तस्करों की मौज हैं उनकी तस्करी बदस्तूर जारी है उन पर न तो शास्त्र सीमा बल अंकुश लगा पा रहा है और न ही स्थानीय पुलिस ही उन पर अंकुश लगा पा रही है ।

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