सूरए कौसर गवाह है कि खुदा ने अपने हबीब को कसरते नश्ल की शक्ल में फातिमा ज़हरा (सअ)को अता किया 

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211

खुदा को मुअज़्जिन और यतीम की आवाज़ पसंद है वो उसे ज़रूर सुनता है – मौलाना क़ुमैल असगर 

वक़्फ बचानें में क़दम आगे बढ़ाये ताकि आने वाली नश्ले हक़ से आसना हो जाएं 

बाराबंकी । सूरए कौसर गवाह है कि खुदा ने अपने हबीब को कसरते नश्ल की शक्ल में फातिमा ज़हरा स,अ,को अता किया ।दीने इस्लाम की बाक़ा की गारन्टी का नाम  इस्लाम है यह बात मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मज्लिसे तरहीम बराये ईसाले सवाब सै0 मो 0 मेंहदी हसन इब्ने सै0 अबरार हुसैन व शहनाज़ बानो बिन्ते अली अब्बास को मौलाना गुलाम अस्करी हाल में सम्बोधित  करते हुये मौलाना सै0 क़ुमैल असगर ज़ैदी साहब इमामे जुमा पुणे ने  कही  ।उन्होने यह भी कहा कि खुदा को मुअज़्जिन और यतीम की आवाज़ बहोत पसंद है ।वक़्फ बचानें में क़दम आगे बढ़ाये ताकि आने वाली नश्ले हक़ से आसना हो जाएं । मां बाप की दुआएं इन्सान को बलंदी अता करती हैं ।आखिर में बीबी फातिमा ज़हरा और कर्बला वालों के मसायब पेश किये जिसे सुनकर सभी रोने लगे। मजलिस से पहले अजमल किन्तूरी ने अपना बेहतरीन कलाम पेश करते हुए पढ़ा-बस एक दिन में बसाई  हुई ये बस्ती है , यहां हयात तो मंहगी है मौत सस्ती है ।  हाजी सरवर अली करबलाई  ने अपना बेहतरीन कलाम पेश करते हुए पढ़ा- किरदार को संवार लो कुछ वख़्त है अभी , गै़बत  में  जब  तलक  के  हमारा इमाम है । फ़ितने को छोड़कर करो आपस में इत्तेहाद , क्या जानते नहीं कि ये फ़ेले हराम है। मो0 रज़ा ने पढ़ा –  आफताबे फलके इज़्ज़ो शराफत ज़हरा ,नाज़ जिसकी है तहारत पे वो तहारत ज़हरा ।  मो0 अब्बास ने पढ़ा – आप क्या जाने फातिमा क्या है ।हर ज़माने में जिसका क़ब्ज़ा है । इसके अलावा मोनिस सर वर  , जईम क़ाज़मी  , मो0 ताहा , केयान अब्बास व हसन ने भी नज़रानये अक़ीदत पेश की । मजलिस का आगाज़ तिलावते कलाम ए इलाही से मौलाना अब्बास मेहंदी रिज़वी “सदफ़”  ने किया ।निज़ामत अजमल किन्तूरी ने की।बेब मजलिस नौचंदी का अलम बरामद हुआ अन्जुमन गुलामे अस्करी व अन्जुमन गुन्चये अब्बासिया ने नौहाखानी व सीना जनी की। बानिये मजलिस ने  सभी का शुक्रिया अदा किया ।वहीं कर्बला सिविल लाइन में भी नौचंदी की मजलिस को सम्बोधित करते हुये मौलाना कुमैल अब्बास ने कहा कि जज़्बात में फैसले लेने वाला मासूम नहीं होता ।अहले बैते रसूल के गम में गम खुशी में  खुशी  मनाये अपनी आखेरत बनायें ।बादे मजलिस अलम का गस्त कर्बला परि सर में हुआ ।अन्जुमनों ने नौहाखानी व सीनाज़नी की ।मजलिस से पहले शोअरा ने नज़रानये अक़ीदत पेश किया ।बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211

Don`t copy text!