गिरफ्तार ना हुए न्यायालय के आदेश पर दर्ज मुकदमे के अभियुक्त?
संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8004283330
आखिरकार सवा महीने के बाद पीड़ित ने की मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी से गिरफ्तारी की मांग
बाराबंकी। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने के सवा महीने के बाद भी असंद्रा पुलिस की बरस रही कृपा के चलते आरोपी गिरफ्तार नहीं किये जा सके? जबकि भ्रष्टाचार की शिकायत व मुकदमे के इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता पर ही मुकदमों की बौछार कर दी! पीड़ित ने मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी बाराबंकी को गुहार पत्र देकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग की है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श कुमार सिंह को दिए गए गुहार पत्र में लालपुर मजरे नाथूपुर थाना असंद्रा निवासी सुदीप कुमार पांडे ने सनसनीखेज जानकारी दी है। श्री पांडे ने पत्र ने कहा है कि ग्राम सभा के ग्रामसेवक ओम प्रकाश दीक्षित और पंकज वा अन्य के द्वारा पद की आड़ में व्यापक भ्रष्टाचार जॉब कार्ड तथा शौचालय एवं अन्य कई मदों में किया गया था।। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को 10 नवंबर को की गई थी। इसके बाद ही जब विरोधियों ने मेरे ऊपर असंद्रा पुलिस के दरोगा अवधेश कुमार के जरिए दबाव बनाया और मैं नहीं माना तो मेरे विरुद्ध झूठे मुकदमे भी लिख दिए गए? आखिरकार मैंने भ्रष्टाचार के खुलासे के लिए माननीय न्यायालय बाराबंकी में गुहार लगाई जहां पर माननीय न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 23 दिसंबर को आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। पांडे ने कहा है कि दिलचस्प यह था कि असंद्रा पुलिस न्यायालय के आदेश को काफी दिनों तक रखे रही। आखिरकार जब 6 जनवरी को तलब की कार्यवाही हुई तब उसी दिन मुकदमा आनन-फानन लिखा गया।
सुदीप पांडे का कहना है कि इस पूरे मुकदमे में ना तो मेरे बयान लिए गए और ना ही पुलिस के द्वारा कोई गवाही ली गई! ना ही कोई साक्ष इकट्ठा किए गए! यही नहीं न्यायालय के आदेश पर लिखे गए मुकदमे के विवेचक उपनिरीक्षक अवधेश कुमार की कृपा लगातार अभियुक्तों पर बरसती रही। जबकि खास यह है कि दर्ज मुकदमा धारा 420 एवं 467 तथा 468 व 471 आईपीसी के तहत भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
सुदीप का कहना है कि 23 दिसंबर को न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने भले ही तलब होने तक मुकदमा अभियुक्तों के विरुद्ध दर्ज किया हो लेकिन मेरे तथा मेरे भाइयों के खिलाफ 31 दिसंबर को एक मुकदमा जरूर लिख डाला गया। पीड़ित ने प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक को भी इस संबंध में 19 जनवरी को एक शिकायती पत्र दिया था। जिसमें कानून मंत्री श्री पाठक ने एसपी बाराबंकी को निष्पक्ष जांच कराए जाने के निर्देश भी निर्गत किए थे। सुदीप पांडे का कहना है कि उस पर लगातार मुकदमे के अभियुक्तों एवं पुलिस के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में मुझे अब फिर 12 फरवरी को मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी से अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग करनी पड़ रही है। शिकायतकर्ता ने गुहार पत्र के माध्यम से प्रदेश के सीएम व जिले के डीएम से आरोपियों की गिरफ्तारी की तत्काल मांग की है। इसके अलावा पांडे ने पूर्व में दिए गए भ्रष्टाचार के शिकायती पत्र के संबंध में जिन सहयोगी कर्मचारियों ने फर्जी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी उनके खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की है।
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