मोमिन का सबसे बड़ा असलहा दुआ है – अली अब्बास

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211

जो सब्र के साथ सलात क़ायम करते हैं , खुदा उनके साथ होता है वो परेशानियों से घबराते नहीं 

बाराबंकी । जो सब्र के साथ सलात क़ायम करते हैं , खुदा उनके साथ होता है वो परेशानियों से घबराते नहीं । मोमिन का सबसे बड़ा असलहा दुआ है । यह बात नगर के अली कालोनी स्थित गुलाम के अज़ाखाने में  मजलिस को खिताब करते हुए। ज़ाकिरे अहलेबैत अली अब्बास ने  कही उन्होने यह भी कहा कि बददुआ व आह से  बचना चाहिये कयोंकि वो पूरी तरह निकल भी नहीं  पाती असर कर जाती है ।जो परवर दिगार की निशानियों को पहचान जाते हैं वो सजदे  सिर्फ करते ही नहीं  कराते भी हैं ।जो खुदा से मांगता है तो खुदा उसे सुनता है  नाराज़ नहीं होता ।लेकिन अता उतना ही करता है जितने से बन्दे का मुसतक़्बिल  बर्बाद न हो ।आखिर में  कर्बला वालों के मसायब पेश किये जिसे सुनकर सभी रोने लगे।मजलिस से पहले हाजी सरवर अली कर्बलाई ने अपना बेहतरीन कलाम पेश किया ।बातिल ने आज मौला पे वो ज़ुल्म  ढ़ाया है , जिससे ज़मीन कांपी फ़लक  थरथराया है । मातम  क़दा बना है इमामे तक़ी का घर । दुनियां में जैसे गम का अंधेरा सा छाया है ।इसके अलावा आसिफ अख्तर बाराबंकवी,आसिम नक़वी, हैदर आब्दी,रज़ा मेहदी,मो0 समद व मो0 रज़ान ने भी नज़रानए  अक़ीदत पेश किया ।मजलिस का आगाज़ हैदर आब्दी ने तिलावते कलाम ए इलाही से किया ।बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211

 

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