बाराबंकी। हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं किन्तु कोई भी विधायक व सांसद ने अपने निधि आक्सीजन के लिए देने को तैयार नहीं है यहाँ तक कोई भी समाजसेवी भी आगे नहीं आ रहे हैं। सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी अपनी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ लिया है, कोविड-19 और आक्सीजन की कमी से पूरा जनपद जूझ रहा है। बाराबंकी के सभी नेताओं ने अपने आप को होम क्वारंटीन कर लिया है और जनता की फिक्र छोड़कर खुद अपनी जान बचा रहे है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन गंभीर परिस्थितियों को देखकर कोई भी नेता आगे नहीं आ रहा है, जनपद में कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है, स्थानीय प्रशासन को सब कुछ पता है लेकिन जमाखोरों के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
जनपद में स्थित गैस एजेंसियों पर पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन है किन्तु लोगों को मिल नहीं पा रही है, कारण साफ है कि प्रशासन के कुछ अधिकारी कम्पनियों पर दबाव बनाकर आक्सीजन को गैर जनपद व ब्लैकमार्केटिंग करवा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आम इंसान से कहा जाता है कि डी0एम0 का आदेश लेकर आओ तब गैस मिलेगी, अब गैस कम्पनियों को कौन बताये कि आक्सीजन है कोई मिठाई नहीं जो हर इंसान खा लेगा, जिसको जरूरत होगी वही तो लेगा। प्रशासन को चाहिए कि डाक्टर का पर्चा, आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर लेकर सभी जरूरतमंदों को गैस उपलब्ध कराई जाये तथा गैस के मूल्य व वजन सार्वजनिक किये जाये, अधिक मूल्य वसूलने वालों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये इस तरह से जमाखोरी व ब्लैकमार्केटिंग पर विराम लगेगा।
तुगलगी फरमान जारी कर दिया जाता है कि डी0एम0 से आदेश कराओ, बीमार व्यक्ति के तीमारदार वैसे ही काफी परेशान रहते हैं, तो दूसरी तरफ डी0एम0 आफिस व अन्य कार्यालयों को चक्कर लगाते रहते हैं किन्तु न डी0एम0 साहब मिलते हैं और न ही आदेश आखिरकार बीमार मर जाता है और तीमारदार शोक में डूब जाता है। जनहित में जिलाधिकारी को सबसे पहले जनपद के जरूरतमंदों को आक्सीजन दिलवाई जाये उसके बाद गैर जनपद में आपूर्ति की जाये।
विगत दिनांे विधायक की सफेद रंग की सफारी गाड़ी आई जिस पर विधायक लिखा था और धड़ल्ले से आक्सीजन गैस लेकर चली गई, जनता खड़ी की खड़ी रही किन्तु उसके सम्बंध में डी0एम0 साहब ने कोई कार्यवाही नही की। कहीं न कहीं आक्सीजन गैस को लेकर बड़े पैमाने पर खेल हो रहा है वरना जनपद बाराबंकी के हालात बदतर न होते।