मुस्लिम हितैषी पदक” पाने को विपक्षी दलों में मची हैं होड़? महंगाई नहीं मुस्लिम कार्ड के जरिए पहली बार मोदी सरकार को घेरता दिखा विपक्ष! फिलहाल हिंदुत्व की पैरोकार बनने में भाजपा फिर रही सफल! महंगाई, मंदी, बेरोजगारी को पीछे छोड़ गया नागरिकता संशोधन बिल का बवाल?

कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)

     कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)

महंगाई, मंदी, बेरोजगारी इन मुद्दों को देश स्तर पर उठाने में फेल विपक्ष के काम एक बार फिर मुस्लिम कार्ड ही आया? हिंदुत्व की पैरोकार बनने की रणनीति में सफल भाजपा से इतर विपक्षी दलों में मुस्लिम हितैषी पदक पाने की होड़ मची हुई है। जबकि पहली बार मुस्लिम कार्ड के जरिए विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार को घेरता नजर आ रहा है?

देश में इस समय नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बवाल मचा है । विपक्ष इसे मुस्लिमों के खिलाफ बता रहा है तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार इसे नकारते हुए कह रही है की हिंदुस्तानी मुसलमानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक विश्लेषण में जो स्थिति इस मुद्दे पर दिखाई दे रही है उसमें भाजपा अपने आप को हिंदू एवं हिंदुत्व का असली ठेकेदार अथवा पैरोकार साबित करने में सफल रही हैं? भाजपा ने रणनीति के तहत जो सोचा था वही हुआ! विपक्ष ने नागरिकता बिल पर खूब हल्ला मचाया। मुस्लिम हितों की दुहाई दी। इसके बाद जब सी ए ए का विरोध प्रारंभ हुआ। इसमें मुस्लिम वर्ग के लोग राजनीतिक दलों के समर्थकों के साथ आगे आये और बवाल भी खूब हुआ।

जाहिर था यह स्थितियां भाजपा के लिए सोने पर सुहागा सिद्ध हुई? भाजपाई रणनीतिकार देश के बहुसंख्यक वर्ग को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि उनके हितों के लिए भाजपा ही एकमात्र दल देश में है वह ही देश की असली रक्षक पार्टी है।ख़ास बात यह है कि भाजपा का इस मुद्दे पर काफी कुछ काम किया विपक्ष ने और विपक्ष के बड़े नेताओं ने?

सी ए ए कानून को लेकर असम एवं पूर्वोत्तर के राज्यों में सर्वप्रथम बवाल हुए ,हिंसा फैली। उसके बाद फिर दिल्ली में बवाल हुआ। धीरे-धीरे यह उत्तर प्रदेश में भी कई जनपदों में बवाल का बड़ा कारण बना दिखाई दिया। जबकि आज बिहार में भी इसे लेकर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है ।अब यह मुद्दा देश में पक्ष एवं विपक्ष की इज्जत का सवाल बना दिखाई दे रहा है। विपक्ष इसे लेकर इसलिए भी पूरी ताकत से जुटा हुआ है ताकि मोदी सरकार को पहली बार हैसियत में लाया जा सके।

गौरतलब हो कि पूर्व की मोदी सरकार के बाद मोदी सरकार टू में आज तक विपक्ष किसी भी जनहित के मुद्दे पर केंद्र की सरकार को घेर नहीं सका! महंगाई, बेरोजगारी तथा मंदी के दौर के भाषण हुए। निंदा प्रस्ताव पास हुए ।विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ कोई भी बड़ा जन आंदोलन उपरोक्त इन मुद्दों पर देश स्तर पर नहीं कर सका। जबकि सत्य है कि देश में आज महंगाई भी बढ़ी है और मंदी भी बढ़ी है। इसके साथ ही बेरोजगारी भी? विपक्ष काफी दिनों से प्रयास में था कि वह मोदी सरकार को किसी मुद्दे पर घेरे और उसका साथ जनमानस भी दे। इसमें उसे हमेशा निराशा ही हाथ लगी। लेकिन जब नागरिकता संशोधन पास हुआ उसके बाद तो जैसे विपक्ष को एक बड़ा हथियार मिल गया। विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इस बिल पर भाषण किए और इसे मुस्लिमों के खिलाफ बताया। जिसके तहत मुस्लिम समाज में इस बात को फैलाया गया कि यह मुसलमानों के विरुद्ध लाया गया कानून है।

देश का दुर्भाग्य कहा जाएगा कि सीएए के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शनों में शामिल तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है। कई प्रदर्शनकारी तो ऐसे भी हैं जो इसके बारे में न कुछ जानते हैं ना वो इस मुद्दे पर कुछ जानना चाहते हैं? उनको जो समझाया गया है बताया गया है कि मोदी सरकार इस कानून को मुसलमानों के खिलाफ ला रही है बस वह केवल इतना जानते हैं? मुस्लिम समाज में इस कानून को लेकर जो असुरक्षा का भाव पैदा हुआ उसे दूर करने में मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी पीछे रह गए? जबकि प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल बवाली एवं हिंसक तथा देश विरोधी तत्वों ने इसके प्रदर्शन की आड़ में जमकर हिंसा फैलाई! पुलिस पर हमले हुए! पुलिस चौकी फूँकी। वाहनों को फूंक दिया गया। अब तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौतें भी प्रदर्शन के दौरान हो चुकी हैं। अभी यूपी और दिल्ली शांत नहीं हुई थी कि आज बिहार के भी जलने की खबर है।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, ओवैसी की पार्टी, वामपंथी ,वाममोर्चा ,बसपा सहित पूरा विपक्ष नागरिकता संशोधन बिल पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है। इसे मुस्लिमों के विरुद्ध बता रहा है। जिसके राजनीतिक निहितार्थ यह है कि इन सभी दलों में मुस्लिम हितेषी पदक पाने की होड़ मची हुई है? अब इस मुहिम में राष्ट्रीय जनता दल भी कूद पड़ा है! जबकि मुस्लिम हितेषी होने की होड़ के चलते विपक्षी दलों ने अनजाने में ही सही भाजपा को हिंदुओं का असली ठेकेदार घोषित कर रखा है!

विपक्ष के लिए राहत की बात यह है कि उसने कई वर्षों के बाद केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में सफलता हासिल की है। भले ही वह जनहितकारी समस्याओं के मुद्दों पर केंद्र सरकार को कटघरे में अब तक खड़ा न कर पाया हो? एक बार फिर मुस्लिम कार्ड के जरिए उसने केंद्र की मोदी सरकार को आंखें दिखाने का काम तो कर ही डाला है? साफ है कि जहां भाजपा हिंदुत्व की पैरोकार बनी है वहीं दूसरी ओर विपक्षी मुस्लिमों के असली हितैषी होने का दावा कर रहे है!

हिंदू मुस्लिम के पक्षकारों के बयानों के बीच देश में बेरोजगारी तथा महंगाई एवं मंदी के मुद्दे पीछे चले गए हैं! गायब हो चले हैं? जबकि देश की जनता इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को हिंसा एवं अशोभनीय तथा खूनी दृश्य के जरिए देखने को मजबूर है?कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)

Don`t copy text!