14 ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी, मांगा स्पष्टीकरण

सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

मामला सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के विपरीत ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों के अनुपात विपरीत कार्यों पर भुगतान किए जाने का
रामसनेहीघाट, बाराबंकी। सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के विपरीत ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों के अनुपात विपरीत कार्यों पर भुगतान किए जाने पर उपायुक्त श्रम रोजगार बाराबंकी द्वारा 14 ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक बनीकोडर अंतर्गत 14 ग्राम पंचायतों में मानक विहीन तथा मानक के विपरीत कराए गए कार्यों पर उपायुक्त श्रम रोजगार ने ग्राम पंचायतों से जवाब तलब करते हुए कहा है कि जॉब कार्ड धारकों को गाँव मे रोजगार न देकर पक्के कार्यो पर ज्यादा भुगतान किया गया है। जबकि कच्चे कार्यो पर कोई मानक का ध्यान नही दिया गया। इससे गाँव के जॉब कार्ड धारक रोजागर से बंचित होकर अन्य जगहों पर जाकर रोजगार मजदूरी करने पर मजबूर है। गांवो के विकास का जो मानक है उसके विपरीत कार्य होने पर नोटिस देकर कार्यो की सूची तलबकी है। इन ग्राम पंचायतों में पक्के कामों पर ज्यादा कार्य किया गया है यही नही इन ग्राम पंचायतों में जो भी कार्य कराए भी गए हैं वह मौके पर सत्यापन किये जायेंगे तो तस्बीर कुछ अलग ही नजर आएगी ।जिन ग्राम पंचायतों को नोटिस दी गई है वह भेन्दुवा बहरेला, काशीपुर, सदुल्लापुर,धारुपुर,मझौटी, बेलपुर,रसूलपुर,सहित अन्य ग्राम पंचायतें है । भूमि समतलीकरण, मेड़बंदी या रास्ते की पटाई आदि कार्यो का स्थलीय सत्यापन किया जाए तो सच्चाई सामने आ जायेगी और कच्चा पक्का कार्यो की जांच भी हो जाएगी। केन्द्र सरकार की यह अति महत्वपूर्ण मनरेगा योजना गाँव के गरीबो के लिए बरदान स्वरूप है किन्तु ग्राम पंचायतों की क्रिया कलाप के चलते मूल उद्देश्य से अलग हो गई। जॉब कार्ड धारक मजदूरों को गांवो में रोजगार न मिलने से शहरों कस्बो में मजदूरी करने को विवश है जबकि सरकार की मंशा थी कि गरीबो को गाँव मे ही रोजगार उपलब्ध हो और वह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन कर सके परन्तु मौजूदा समय मे मनरेगा योजना धरातल पर नजर नही आ रही और मजदूरों को गावों में रोजगार नही मिल रहा है।

सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

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