मौलाना कल्बे जवाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से की मुलाकात, निर्दोष लोगों की रिहाई की मांग

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इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से उनके अवास पर मुलाकात करके नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर देश भर मे हो रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों मे हुई हिंसा और निर्दोषों की गिरफ्तारी की निंदा की। मौलाना ने मुख्यमंत्री से निर्दोषों की रिहाई की मांग की और पुलिस की बेगुनाहों के खिलाफ कार्यवाही के बारे में मुख्यमंत्री को सूचित किया। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया जिस में निर्दोषों को रिहा करने और फर्ज़ी मामलों को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री से कहा गया है ।
मुख्यमंत्री के साथ अपनी वार्ता के दौरान, मौलाना ने 19 दिसंबर को लखनऊ और देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रर्दशन में उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा पर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर हुए प्रर्दशनों मे जिन उपद्रवियों ने हिंसा की पुलिस को केवल उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन पुलिस निर्दोषों को गिरफ्तार कर रही है और उनपर फर्ज़ी मामले दर्ज हो रहे है। मौलाना ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमें खबरें मिल रही है और फरयादी हमारें पास आकर बता रहे है कि यह पूरे देश में पुलिस एसा ही कर रही है। मुजफ्फरनगर में हौज़ाए इल्मिया इमाम हुसैन अ0स0 में पुलिस ने छात्रों और शिक्षकों पर मदरसे में घुस कर बरर्बता की और उनपर लाठियाॅ बरसाईं, शिक्षक और छात्र प्रदर्शन में शामिल नहीं थे और ना कोई मदरसे से बाहर निकला था, फिर भी पुलिस ने बुजुर्ग आलिम पर लाठी चार्ज किया और छात्रों को गिरफ्तार कर थाने ले गई, कुछ छात्र अभी भी हिरासत में हैं। हम मांग करते हैं कि इस घटना की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए और निर्दोष छात्रों को रिहा किया जाये।
मौलाना ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपका आदेश आया है कि उपद्रवियों पर वीडियो फुटेज और तस्वीरों के आधार पर कार्रवाई की जायेगी, लेकिन पुलिस ने घर से निर्दोष युवकों को जबरन हिरासत में लिया है। गिरफ्तारियां चल रही हैं और बेगुनाहों पर फर्ज़ी मामले दर्ज किये जा रहे है,जो सही नही है। मौलाना ने मुख्यमंत्री से केवल उपद्रवियों और अपराधियों पर कार्रवाई करने की मांग की,और कहा कि जो निर्दोष है उन्हें परेशान ना किया जाए और जो गिरफतार है उनको रिहा किया जाये। इस तरह अल्पसंख्यक समुदाय में जो पुलिस और सरकार की ओर से भय का माहौल है वह समाप्त होगा।

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