ताजियती जलसे में याद किये गए बख्तियार’

मोहम्मद वसीम कुरेशी संवाददाता

त्रिलोकपुर बाराबंकी। ऐसे नौजवानो की असमयिक मौत समाज को नुकसान पहुचाती है। जो इस बिगड़े माहौल में खुद को एक आईने की तरह चमका रहा हो। 28 साल की उम्र में इंजियनिरिंग का कोर्स पूरा किया। एक गंभीर बीमारी का शिकार होकर मौत का शिकार हो गए। इनकी शोकसभा में जिले के जाने माने लोग शामिल होकर अफसोस जाहिर करके धार्मिक पाठ किया। मूलतः थाना मसौली के रहने वाले मो. असरार शहर की सट्टी बाजार के बड़े कपड़ा व्यपारी है। समाजसेवा से जनपद में काफी लोकप्रिय इस शख्सियत के बेटे इंजियनियर मो. बख्तियार अंसारी 28 का बीते 24 दिसम्बर को बीमारी से मौत हो गयी। ताजियती जलशा बराए इसाल-ए सवाब में बोलते हुए हज कमेटी के सदर हाजी इरफान अंसारी ने बताया कि युवा इंजिनियर मो. बख्तियार बीमारी से बेहद मजबूर हो गए बावजूद नमाज नही छोड़ी वजू न कर पाने की पोजिशन में मिट्टी के ढेला तयम्मुम करके नमाज अदा किया और अम्मी, अब्बू को इसकी जानकारी देते। सादगी, और समाज की फिक्र में डूबे इस नौवजवान की मौत बड़ा नुकसान है। इस मौके पर मौलाना एजाज कुतुब नदवी, डाक्टर हसमत अली, हाजी नफीस, सेठ मुस्ताक, मौलाना गुफरान, मौलाना उमर मुमताज समेत जिले भर से सामाजिक , बुद्धजीवी, मजहबी लोग मौजूद थे।

मोहम्मद वसीम कुरेशी संवाददाता

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