उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराधियों से बरामद किए 8.44 करोड़, साढ़े चार साल में 2670 को भेजा जेल
आशिष सिंह संवाददाता की रिपोर्ट एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश
साइबर अपराध की लगातार बढ़ती घटनाएं पुलिस के लिए नई चुनौती है। कोरोना काल के बाद खासकर नेट बैंकिंग व ई-वालेट का चलन बढऩे के साथ ही साइबर अपराधी भी अधिक सक्रिय हुए हैं। इससे निपटने के लिए पुलिस तकनीक के सहारे अपने कदम बढ़ा रही है तो शासन ने उसे संसाधानों से लैस किया है। साइबर अपराधों की बढ़ती रफ्तार के गवाह खुद पुलिस के आंकड़े भी हैं। बीते साढ़े चार वर्षों में पुलिस ने 2670 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लोगों से लूटी गई 8.44 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बरामद की गई है। जबकि पांच करोड़ रुपये से अधिक रकम बैंक खातों में होल्ड कराई गई है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सभी परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस थानों पर 660 मुकदमे दर्ज कर 470 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इन मुकदमों के तहत 2.2 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि साइबर अपराधियों से बरामद की गई और पांच करोड़ रुपये से अधिक की रकम बैंक खातों में होल्ड कराई गई। ऐसे ही प्रदेश के अन्य सभी थानों में साढ़े चार वर्षों में साइबर अपराध से जुड़े 10290 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों में 2600 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी किए जाने के साथ उनसे 6.24 करोड़ रुपये से अधिक रकम बरामद की गई। उन्होंने बताया कि 16 परिक्षेत्रीय साइबर थानों के लिए शासन ने 256 पदों का सृजन किया है। साथ ही इन थानों पर महिला साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई है।
आशिष सिंह संवाददाता की रिपोर्ट एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश