यूनिसेफ का कहना है कि यमन में सन 2016 से अबतक कम से कम दस हज़ार बच्चे या तो मारे गए हैं या फिर वे अपंग हो गए हैं।
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संयुक्त राष्ट्रसंघ की संस्था यूनिसेफ के अनुसार यमन में प्रतिदिन चार बच्चों के मारे जाने या घायल होने जैसी शर्मनाक घटना घट रही है।
यमन में अबतक कम से कम 10,000 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वर्तमान समय में यमन, दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिसमें लगभग दो करोड़ लोग या देश की एक तिहाई आबादी को हर प्रकार की सहायता की सख्त जरूरत है।
यमन संकट से इस देश के बच्चे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वहां के कम से कम 1.1 करोड़ लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं। यूनिसेफ के अनुसार लगभग चार लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।
यूनिसेफ के जेम्स एल्डर ने कहा कि वे भूख से मर रहे हैं क्योंकि वयस्कों ने एक युद्ध शुरू कर दिया है जिसमें बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। यमन संकट के चलते करीब 20 लाख बच्चे अब स्कूल नहीं जा पा रहे हैं जबकि हिंसा ने लगभग 17 लाख बच्चों और उनके परिवारों को विस्थापित कर दिया है।
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