एबीवीपी ने मनाई अशफाक उल्ला खां की जयंती

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला कार्यालय पर अशफाक उल्ला खां की जयंती पर संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। एबीवीपी पदाधिकारियों व कार्यकर्ता ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके जिला प्रमुख ओम वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले के ‘शहीदगढ़’ में अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्टूबर 1900 में हुआ था। पिता एक पठान परिवार से ताल्लुक रखते थे। परिवार के सभी लोग सरकारी नौकरी में थे, लेकिन अशफाक बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। उनके जीवन पर बंगाल के क्रांतिकारियों का बहुत प्रभाव था। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश पटेल रुद्र ने कहा कि अशफाक उल्ला खां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारी थे और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अशफाक की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। चौरी-चौरा कांड के बाद जब महात्मा गांधी ने अपना असहयोग आंदोलन वापस लेने का निर्णय किया तो अशफाक उल्ला खां भी बहुत दुखी हुये। उन्होने अंग्रेजों को जल्द से जल्द भारत से निकालने का प्रण करते हुए अन्य क्रांतिकारियों से साथ मिलकर भारत माता को स्वतंत्रत कराने का बीड़ा उठाया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रान्त सह मंत्री भावना वर्मा, अनुज श्रीवास्तव, अमन वर्मा, उत्कर्ष सिंह, शलीन वर्मा, शुभम, आयुष, नैतिक सिंह व आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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