जिले में हासिए पर पहुंच चुकी बसपा में जान फूंक रहे हैं डा0 विवेक

अब्दुल मुईद

विपक्षी दल के कई नेता हो सकते हैं बहुजन में शामिल!

बाराबंकी। वर्ष 2007 से 2012 तक प्रदेश में सत्तासीन रही बहुजन समाज पार्टी उसके बाद 2012 से लगातार सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही है लेकिन सत्ता में वापस नहीं आ सकी और धीरे-धीरे बसपा के कई बड़े चेहरे अन्य विपक्षी दलों भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन में चले गये। यह सिलसिला धीरे-धीरे जनपद बाराबंकी में भी लागू हो गया और उसके बाद बाराबंकी जिले से भी बसपा के कई बड़े नेता दूसरे दलों में चले गये जिससे बसपा हासिए पर पहुंच गई लेकिन जब से सदर विधान सभा से ख्याति प्राप्त नेत्र चिकित्सक विवेक सिंह वर्मा को बहुजन समाज पार्टी ने 268 से प्रत्याशी घोषित किया गया है तब से उन्होंने बहुजन समाज पार्टी में एक नई जान फूंक दी और लगातार जनसम्पर्क करके जिले में विपक्षी दलों में हलचल मचा दी है। जिससे कई पुराने नेता व कई युवा नेता बसपा मंे उचित अवसर पाकर शामिल होना चाहते हैं।


मालूम हो कि जनपद बाराबंकी के कई जमीनी नेता सत्ता के लालच में सत्तारूढ़ दल भाजपा में शामिल हो गये तो कई अन्य पार्टियां जैसे सपा, कांग्रेस व अन्य दलों में अपना ठिकाना ढूंढ लिया। इस तरह से बहुजन समाज पार्टी जिले में हासिए पर पहुंच गई जबकि बसपा सरकार में कई मंत्री जनपद से बने थे किन्तु भाजपा सरकार में कोई भी विधायक मंत्री तक नहीं बन सका, वहीं 2017 के चुनाव में सत्तारूढ दल को 5 विधायक जनपद बाराबंकी से मिले फिर भी शासन में इन विधायकों की उपेक्षा होती रही।, वही सत्तारूढ़ दल के मौजूदा विधायकों में से कई के टिकट कटने की चर्चा अन्दर खाने चल रही है। वहीं जब से बहुजन समाज पार्टी ने जिले के नेत्र चिकित्सका डा0 विवेक सिंह वर्मा को शामिल किया गया है तब से कई पुराने बसपाई पुनः पार्टी में शामिल होकर बहुजन समाज पार्टी में अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं। वहीं लागतार डा0 विवेक की लोकप्रियता से अन्य विपक्षिी दलों में बेचैनी फैल गई है। विपक्षीदलों को डाक्टर विवेक के कद के बराबर का प्रत्याशी जो डाक्टर विवेक को टक्कर दे सके नहीं मिल रहा है, वहीं विपक्षी दलों में टिकट बंटवारे को लेकर काफी मंथन चल रहा है।
मालूम हो कि सदर सीट कभी समाजवादी पार्टी व कभी बसपा के पास ही रही है, लेकिन इस बार भाजपा भी इस सीट पर कमल खिलाने की पुरजोर कोशिश कर रही है कि इस सीट पर कब्जा किया जाये लेकिन इतना आसान नहीं है, भाजपा के लिए यह सीट हासिल कर ले क्योंकि मोदी लहर में भी सपा ने इस सीट पर आसानी से कब्जा कर लिया था और मुकाबला भी सपा व बसपा में ही था। लेकिन इस बार सपा से मुस्लिमों की नाराजगी के कारण उनका रूझान लगातार बसपा की तरफ बढ़ रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुजन समाज पार्टी में कई कद्दावर नेता चुनाव के समय शामिल हो सकते हैं, जिसमें से सत्तारूढ़ दल, सपा व कांग्रेस, आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कई नेता है, जो उचित अवसर की तलाश में अभी खामोशी धारण किए हुए हैं। वक्त आने पर अपने लाव लश्कर सहित पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सदर विधान सभा का चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले की तरफ बढ़ता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी की सक्रियता से विपक्षी दलों में हलचल मची हुई है। कई दिग्गजों की रातों की नींद हराम हो गई है। बाराबंकी की जनता परिवर्तन चाहती है इसलिए सपा के कट्टर वोटरों का रूझान बसपा की तरफ बढ़ता जा रहा है।

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