एटा में प्रिंसिपल विहीन मेडिकल कालेज को फिर मजबूत कंधों की तलाश…!

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*पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार का नाम फिर सुर्खियों में

एटा। स्वशाषी राजकीय मेडिकल कालेज 6 माह के भीतर फिर तीसरी बार प्रिंसिपल विहीन हो गया। डॉ राजेश गुप्ता पहले ही लम्बी छुट्टी पर चले गये थे जिन्हें शासन के निर्देश पर आगरा एसएन में समायोजित कर दिया गया है। उससे पूर्व सैफई के डॉ पीके जैन भी स्वतः रिजाइन कर गए थे पीएमएस के डॉ राजेश अग्रवाल भी कुछ समय तक पद भार सम्भाले रहे परन्तु स्थानीय हालात में टिक नही सके। बताते है बाहरी कोई वरिष्ठ प्रोफेसर एटा आने के लिये तैयार नही है। हालांकि 3 सीनियर मेडिकल चिकित्सा से नाम भेज कर विचार किया जा रहा है परन्तु उनके द्वारा रुचि नही दिखाए जाने पर मेडिकल कालेज की फैकल्टी पशोपेश में है इधर स्थानीय हालात में कुछ फैकल्टी ने पुनः पीएमएस संवर्ग के डॉ प्रदीप कुमार के नाम की चर्चा की है । स्मरण रहे प्रिन्सपिल डॉ पीके जैन के कार्यकाल में यह वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर बनाये गये थे सफलता पूर्वक मेडिकल कालेज का संचालन कराने में बेहतर रोल निभाया था। जिला एवं महिला अस्पताल के सीएमएस के रूप में अनेक उपलब्धियां इनके नाम दर्ज जिनमे आल इंडिया मेडिकल इंस्टीयूट के द्वारा कोरोना एवार्ड, ब्रेस्ट फीडिंग में यूपी एवार्ड,सहित हाथरस जनपद में कोविड के नोडल अफसर बन कर महामारी नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रशासनिक सूझबूझ से विभाग चलाने में महारत हासिल उक्त वरिष्ठ चिकित्सक को मेडिकल कालेज की अधिकांश फैकल्टी पसंद करती है। समझा जा रहा है शासन ने अंतरिम व्यवस्था के तहत प्रधानचार्य को पीएमएस संवर्ग से चुना तो डॉ प्रदीप कुमार औरों की अपेक्षा बेहतरीन हों सकते हैं।
एटा मेडिकल कालेज में मैदान छोड़ छोड़ कर भाग रहे चिकित्सको के आयाराम गया राम के हालात में कहीं यह विचार उचित प्रतीत होता है प्रशासनिक अफसर डॉ विवेक पाराशर कहते है कोई बने पर मेडिकल कालेज में पूर्ण कालिक प्रिन्सपिल होना चाहिए । अब देखना है एक अदद प्रिन्सपिल की दरकार करता यह कालेज किसको अबकी बार मौका देता है. .!

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