गांधी भवन से पटेल तिराहा तक निकला राष्ट्रीय एकता मार्च

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। जब देश में अराजकता फैलेगी, अन्याय बढ़ेगा, अत्याचार बढ़ेगा, और हिंसा बढ़ेगी तब जो भी लोग इसका विरोध करेंगे वही गांधी को मानने वाले लोग होंगे। जिस शरीर से कुछ लोग घबराते थे, उस विचार से उनके वंशज आज भी डरते और घबराते हैं। गाँधी हमें हमारे दिलों से डर निकालने का नाम हैं। गांधी अनुशासन, संवेदना, मानवता, प्रेम का नाम हैं। यह बात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वें शहादत दिवस पर गांधी भवन में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा एवं राष्ट्रीय एकता मार्च के दौरान अध्यक्षता कर रहे युवा गांधीवादी चिन्तक हफीज़ किदवई ने कही। इससे पूर्व उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं प्रातः 11 बजे दो मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी की आत्म शान्ति की प्रार्थना की गई। तदोपरान्त गांधीवादी राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में नफ़रत और हिंसा के खिलाफ गांधी भवन से पटेल तिराहा तक राष्ट्रीय एकता मार्च निकाला गया। वहीं सायंकाल 5 बजे आलापुर स्थित रेठ नदी पर दीपदान कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी गई। सभा को सम्बोधित करते हुए गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी की शहादत के 74 वर्ष बाद भी आज कुछ लोग उनके विचारों और सिद्धान्तों से सहमत नहीं है। ऐसे लोग गांधी को नही समझंेगे। यह उनका पूर्वाग्रह है। तुम गांधी को गोली मारोगे, गांधी हंसेगा तुम पर क्योंकि वह गांधी है। गांधी को विज्ञान ने समझा। अलबर्ट आइंस्टाइन ने समझ लिया कि हिंसा का कितना भी बड़ा हथियार तुम्हारे पास हो उसको रोकने की ढाल केवल गांधी के पास है। सभा में उपस्थित समाजसेवी एवं बसपा नेता डॉ. विवेक सिंह वर्मा ने कहा कि वर्तमान संदर्भों में महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक एवं अनुकरणीय नहीं हैं जितने अपने वक्त में थे। फर्क बस इतना है कि गांधीवाद का दायरा सीमित हो गया है। गांधीवाद को राजनीति के दायरे में रखा गया है जबकि वह अन्तिम व्यक्ति की आवाज हुआ करते थे। सामाजिक कार्यकर्ता पवन यादव ने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भावना, अहिंसा, सत्य और सत्याग्रह जैसे शब्दों को गांधीजी ने अपने जीवन में जी करके दिखाया। सभा को जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेन्द्र वर्मा, समाजसेवी अशोक शुक्ला, एडवोकेट हुमायूं नईम खान, वरिष्ठ पत्रकार मुईनुद्दीन अंसारी ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से पर्यावरणविद् हाजी सलाउद्दीन किदवई, आप नेता भागीरथ गौतम, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, सानिध्य, सत्यवान वर्मा, रंजय शर्मा, तौफीक अहमद, मनीष सिंह, अशोक जायसवाल, नीरज वर्मा, विजय कुमार सिंह, नीरज दूबे, पी.के सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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