यूक्रेन-रूस युद्ध का हवाला देकर जमाखोर लूट रहे हैं जनता को

अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

कई वस्तुओं की कालाबाजारी चरम पर, विभाग सोया कुंभकर्णी नीद

बाराबंकी। पूरे जनपद में इस समय थोक व्यापारियों ने अपने-अपने गोदामों में दैनिक उपयोगी वस्तुओं को अत्याधिक मात्रा में डम्प कर रखा है और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में फुटकर दुकानदारों को बढ़कर दामों पर सामान बेच रहे हैं, जिससे ग्राहकों को ज्यादा मूल्य अदा करना पड़ रहा है, जनता का बजट भी गड़बड़ हो गया है, वहीं त्यौहारों के अवसर पर जमाखोर इस्तेमाली वस्तुओं की आवश्यकताओं को देखते हुए हर वस्तु पर अधिक से अधिक वसूली करके जमाखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा कार्यवाही न करने से इनके हौसले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। कीमतों में अनियंत्रित उछाल के बाद भी नहीं पड़ रहे हैं जिम्मेदार अधिकारियों के छापे। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं सेटिंग-गेटिंग का खेल चल रहा है। वस्तुओं के दाम बढ़ने से जनता का निकल रहा है लगातार तेल।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रिफाइंड ऑयल, वनस्पति, मैदा आदि को जनपद के जमाखोरों ने अपने-अपने गोदामों में डम्प कर रखा है, और प्रतिदिन 10 से 20 रूपया बढ़ाकर माल को धीरे-धीरे सरका रहे हैं और बहाना बनाया जा रहा है यूक्रेन-रूस युद्ध होने के कारण माल आ नहीं पा रहा है, मांग बढ़ने से मुनाफाखोरों की इस समय चांदी हो गई है। आपदा में अवसर को चरितार्थ करते हुए थोक व्यापारियों ने युद्ध का बहाना बताकर खाद्य पदार्थों के दाम में बढ़ोत्तरी की बात बताकर खुद ही दाम बढ़ा दिये हैं और बताया जाता है कि पीछे से माल नहीं आ पा रहा है।
एक सप्ताह पूर्व 120-130 रूपये प्रति लीटर बिकने वाला रिफाइण्ड आयल वर्तमान में 160-170 मंे बिक रहा है यही हाल सरसों के तेल, मैदा, चीनी, सूजी, आटा आदि का है। होली पर्व के मौके पर अक्सर जमाखोरी चालू हो जाती है लेकिन इस बार जमाखोर इतने निडर हो गये हैं कि अप्रत्याशित लूट खसोट जारी कर दिया है जिससे जनता बेहाल है। वहीं एफएसडीए विभाग छापेमारी नहीं कर रहा है। जिससे विभाग की संलिप्तता जगजाहिर हो रही है। जिले में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई अचानक बढ़ोतरी के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्यवाही न होने से जनता में जबदस्त आक्रोश व्याप्त है।

जमाखोर कमा रहे हैं प्रतिदिन लाखों

मालूम हो कि जिला प्रशासन कई महीनों से न कोई जांच कर रहा है और न ही व्यापारियों के अघोषित गोदामों व घरों की जांच की जा रही है न ही छापा मारा जा रहा है। कई जमाखोर जिले में उत्पन्न हो गये हैं, कई अधिकारियों ने तो अपनी काली कमाई जमाखोंरों को सौंपकर व्यापार में अघोषित साझीदार बन गये हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को महंगाई का दंश झेलना पड़ रहा है जिससे उनकी कमर टूटती जा रही है, जनता में अब एक ही सवाल गूंज रहा है कि जमाखोरों और कालाबाजारियों पर कौन मारेगा छापा? यह प्रश्न जनता के दिलों-दिमाग में लगातार कौंध रहा है।

अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

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