ईरान से तेल आयात बंद करके अब अमरीका से दोगुना तेल आयात करेगा भारत

भारत ने अमरीका के दबाव में आकर ईरान से तेल आयात करना बंद कर दिया है और अब वह अमरीका से तेल का आयात दोगुना करने पर विचार कर रहा है।फ़ाइनान्शियल एक्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस साल भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के बीच संभावित मुलाक़ात में दोनों देश भारत की ऊर्जा सुरक्षा और तेल आयात पर विचार विमर्श करेंगे।

]ट्रम्प 2020 में भारत की यात्रा करने वाले हैं, लेकिन उनकी इस संभावित यात्रा के लिए अभी समय निर्धारित किया गया है।
जब से अमरीका ने भारत को ईरान से तेल आयात करने में छूट देने से इनकार किया है, मोदी सरकार ने अमरीका से तेल का निर्यात बढ़ा दिया है।
2018 में अमरीका के परमाणु समझौते से निकलने और ईरान पर फिर से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने तक भारत, चीन के बाद ईरान से तेल आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश था, लेकिन 2019 में अमरीका से मिली छूट की समाप्ति के बाद से नई दिल्ली से तेहरान से तेल का आयात बंद कर दिया।
मोदी सरकार का कहना है कि वह अमरीका से तेल का आयात दोगुना करके मध्यपूर्व के तेल पर निर्भरता को कम करना चाहती है।
2019 में भारत ने सबसे ज़्यादा तेल इराक़, सऊदी अरब और कुवैत से आयात किया था।
हालांकि अमरीका से तेल ख़रीदना भारत के लिए कोई सस्ता सौदा नहीं है। तेल की बढ़ती क़ीमतें और ट्रांसपोर्ट ख़र्च भारत की अर्थव्यवस्था पर बोझ बनेंगे।
भारत उचित क़ीमत और ट्रांस्पोर्ट ख़र्च पर अमरीका से बातचीत कर रहा है।
भारत अपनी कुल ज़रूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है और 2040 तक वह तेल का उपभोग करने वाला दुनिया का पहला देश होगा।

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