कांग्रेस की डूबती नैया क्या पार लगाएंगे मनोज समरसता भोज से राजनीति का चढ़ा पारा जिलापंचायत चुनाव से बजेगी दुंदुभी

धर्मेंद्र कुमार तिवारी संवाददाता तहसील महाराजगंज रायबरेली

रायबरेली। अवसर के लाभ का सिद्धांत वर्तमान राजनीति में हर तरफ देखा जा सकता है, यह सिद्धांत सम्भवतः समाजवादी पार्टी के लिए पीड़ादायक होगा। जनपद में सपा के एकमात्र विधायक पूर्व मंत्री मनोज पांडेय के कांग्रेस प्रेम से भीषण सर्द मौसम में राजनीतिक पारा चढ़ गया है, लगता है कि कांग्रेस की डूबती नैया अब मनोज पांडेय पार लगाएंगे , भाजपा से नगरपालिका परिषद अध्यक्ष निर्वाचित होने व उसके बाद पराजित होकर स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र के सहारे समाजवादी पार्टी में शामिल होकर सुल्तानपुर से सिटिंग विधायक का टिकट कटवाकर चुनाव लडा वहां पराजय के बाद ऊंचाहार से चुनाव लड़कर विधायक व सपा सरकार में मंत्री बने मनोज पांडेय का कांग्रेस प्रेम निरन्तर गहरा होता जा रहा है। जनपद में निरन्तर कमजोर होती कांग्रेस के पास कोई मजबूत चेहरा नही है, ब्राह्मण नेता के रूप में समाजवादी पार्टी में स्थापित होकर उन्होंने वहां अपना वर्चस्व स्थापित किया जनपद में सपा संगठन उनके बिना कोई निर्णय नही ले पाता था, इधर सदर में अपनी अजेय पारी खेलकर स्वर्गवासी विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह विधायक है, वर्ष 1989 से सदर सीट से ब्राह्मण विधायक नही हुआ ब्राह्मण समुदाय में एक बड़ी टीस रही है । मनोज पांडेय की राजनीति का मुख्य आधार ब्राह्मण समुदाय में उनकी सर्व स्वीकार्यता है, कांग्रेस को एक ऐसे जनाधार वाले नेता की प्रबक आवश्यकता जो कांग्रेस को जनपद में पुनर्जीवित कर सके। एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के कांग्रेस से पलायन के बाद वह मनोज पांडेय में अपनी सम्भावना तलाशने के लिये लगातार उनसे निकटता व सम्पर्क बनाये हुये है। कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी के प्रबंधक के एल शर्मा से उनकी निकटता नगरपालिका के चेयरमैन कार्यकाल से है, कुछ दिनों पूर्व श्रीमती गांधी ग्रहप्रवेश के समय उनके घर गयी ।कल सपा विधायक द्वारा शहर के रिफॉर्म क्लब में आयोजित समरसता व खिचड़ी भोज में सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा का आना और उनके आते ही मंच के पास सदर विधायक कैसा हो कि नारेबाजी व फिर आज एक श्रद्धांजलि सभा मे फिर दोनो का एक साथ दिखना भीषण ठंड के मौसम में राजनीतिक गर्माहट पैदा कर रहा है। ऊंचाहार से लगातार दो चुनाव जीतकर अखिलेश सिंह के देहावसान व अदिति सिंह के बगावती तेवर के बाद सदर सीट पर दृष्टि लगाए कांग्रेस मनोज पांडेय पर दांव खेलने की लगभग पक्की तैयारी कर चुकी है। यही नही दिनेश प्रताप सिंह के राजनीतिक वर्चस्व को चुनौती देने के लिये सबसे पहले मनोज पांडेय के भाई अमिताभ पांडेय को जिलापंचायत चुनाव की बागडोर सौपने की तैयारी अंदरखाने सुनिश्चित हो गयी है, हालांकि अमिताभ पांडेय ऊंचाहार से पिछले जिलापंचायत चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था।

जिला पंचायत कुर्सी पर दृष्टि
काँग्रेस अपनी जमीन मजबूत करना चाहती है, वह किसी भी तरह जिला पंचायत की कुर्सी पर अपना कब्जा देखना चाहती है इसलिए किसी पर भी दांव खेला सकती है। क्योंकि यह वह कुर्सी है जिससे विकास की गंगा समूचे जनपद में बहाई जा सकती है। यही नही इस कुर्सी पर वर्तमान में कांग्रेस के बागी दिनेश प्रताप सिंह के भाई अवधेश सिंह का कब्जा है जो कि हाल ही में कांग्रेस के पंजे से निकलकर कमल खिलाने का काम रहे है।

सपा से बढ़ती दूरियां
मनोज पांडेय सपा में सम्मिलित होने के बाद से पार्टी के स्थानीय कार्यक्रमो में गाहे बगाहे सम्मिलित हुए किन्तु मुलायम सिंह से निकटता के कारण स्थानीय संगठन उनकी गणेश परिक्रमा करता था, समरसता भोज में स्थानीय सपा की दूरियां रही। सपा विधानपरिषद सदस्य उदयवीर सिंह व्यक्तिगत रूप से सम्मिलित हुए लखनऊ के ब्राह्मण समुदाय में सक्रिय चर्चित चेहरों की उपस्थित यह बता रही थी कि भविष्य में विधायक मनोज पांडेय की

धर्मेंद्र कुमार तिवारी संवाददाता तहसील महाराजगंज रायबरेली

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