फतेहपुर बाराबंकी। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिसमे परिवर्तन होता रहता है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान पहले छोटी बडी जातियो मे बडे मतभेद थे। धीरे–धीरे जब आजादी मिली और संविधान की संरचना पूरे देश पर लागू हुई तो लोगो को अपने–अपने अधिकार और कर्तव्यो के सम्बन्ध मे जानकारी मिली। यह विचार तहसीलदार श्रद्धा चैधरी ने क्षेत्र के सांई लाॅ कालेज मे तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित विधिक साक्षरता गोष्ठी के दौरान व्यक्त किये। उन्होने कहा कि यदि हमे किसी कानून अथवा नियम से ठेस पहुंचती है तो उसके लिये संविधान के अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत हम इस सम्बन्ध मे माननीय उच्च न्यायालय मे रिट याचिका दाखिल कर सकते है। पर्यावरण, जल संरक्षण एवं मासूम बच्चो का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है, जिसे जिम्मेदार पूर्ण ढंग से निभाने की आवश्यकता है, जब किसी व्यक्ति को आय–जाति व निवास प्रमाण पत्रो की आवश्यकता हो तो उसे चाहिए कि वह 15 दिन पूर्व अपना आवेदन आनलाइन करे जिससे उसको समय पर प्रमाण पत्र जारी किये जा सके। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अधिवक्ता राजीव नयन तिवारी ने कहा कि कानून के प्रति जागरुक होना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन करना हम सभी का कर्तव्य है। नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 पर जब समाज के अन्दर चर्चा शुरु हुई तो इसके पक्ष मे जहां सकारात्मक सोच के व्यक्ति आये वहीं विपक्ष मे भी नकारात्मक सोच रखने वाले लोगो ने भी अपनी–अपनी आपत्तियां विरोध प्रदर्शन के माध्यम से दर्ज करायी है, जबकि समझने की बात यह है कि इस नागरिकता संशोधन अधिनियम से भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता जाने वाली नही है। इस मौके पर डॉ बबीता रानी श्रीवास्तव दिग्विजय सिंह, सचिन चंद्रा, आशीष वर्मा, दीपक वर्मा, अंशुवेंद्र मोहन जायसवाल आदि प्रवक्ताओ समेत क्षेत्र के गणमान्य नागरिक व छात्र–छात्राएं मौजूद थे।
मोहम्मद वसीम कुरेशी संवाददाता