गंगा पर चली बजट की क़ैची

भारत सरकार ने गंगा सफ़ाई के बजट में 50 प्रतिशत कटौती कर दी है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा सफ़ाई मोदी सरकार की एक महात्वाकांक्षी योजनाओं में से है और सरकार ने ख़राब स्थिति की वजह से लगभग 50 प्रतिशत बजट में कटौती कर दी है जबकि घाटों के सौंदर्यीकरण की योजना के बजट को लगभग ख़त्म ही कर दिया गया है।
पिछले साल जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को राष्ट्रीय गंगा नीति के लिए 700 करोड़ रुपये और घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
जल शक्ति मंत्रालय के अन्य प्रमुख योजनाओं के बजट में भी कटौती की गई है।
महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे सूखा प्रभावित जिलों में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए चलाई जा रही योजना के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में 500 करोड़ रुपये का खर्चा आया था. लेकिन बावजूद इसके सरकार ने 2019-20 के बजट में इसका आवंटन कम कर 300 करोड़ रुपये कर दिया था।
अब वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी सरकार ने फंडिंग में कटौती की है और योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का ही बजट रखा है।

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