मनु शर्मा ने आठ खंडों में लिखी ‘कृष्ण की आत्मकथा‘: राजनाथ जयन्ती पर याद किए गए प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री मनु शर्मा

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। साहित्यकार मनु शर्मा की कालजयी रचनाएं नयी पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेंगी। उन पर शोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने आत्मकथाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य नई पहचान दी। तीन हजार पृष्ठों और आठ खंडों में लिखी ‘कृष्ण की आत्मकथा‘ उनमें से एक है। अनेक सम्मानों औेर पुरस्कारों से विभूषित मनु शर्मा ने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लिखा है। जिसमें आत्मकथा उनकी मुख्य विधा रही है। जिसकी बदौलत वह साहित्य जगत में अमर हो गए। यह बात रविवार को गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा प्रख्यात साहित्यकार, लेखक और चिंतक पद्मश्री मनु शर्मा की 95वीं जयन्ती पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। इस मौके पर आत्मकथा के जन्मदाता स्व. मनु शर्मा के चित्र पर मार्ल्यापण कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया। श्री शर्मा ने बताया कि मनु शर्मा का साहित्य देश की धरोहर है। उन्होनें अपने साहित्य का कभी बाजारीकरण नहीं किया। उन्होंने अपनी कलम से सनातन परम्परा और कथाओं को आगे बढाने का काम किया है। उनकी लेखन शैली और रचनाएं आजीवन हिन्दी साहित्य जगत को आलोकित करती रहेंगी। मनु शर्मा महात्मा गांधी और डा. लोहिया से बहुत प्रभावित थे। उनके पहनावे में गांधीवाद और रहन सहन में समाजवाद की झलक दिखाई पड़ती थी। उन्होंने आपातकाल के दौरान कविताओं के माध्यम से समाजवादी आन्दोलन को आगे बढ़ाने का काम किया। मनु शर्मा का विराट व्यक्तित्व, सादगी, विनम्र स्वभाव और लेेखन शैली उनके पुत्र हेमंत शर्मा में झलकती है। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेश मिश्रा, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, प्रशान्त पाण्डेय, रंजय शर्मा, संतोष शुक्ला, शिवा शर्मा, मनीष सिंह, सत्यवान वर्मा, धनंजय शर्मा, जमाल नईम खान, अशोक जायसवाल, साकेत मौर्य, राजेश यादव, अनिल यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

 

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