जब मांझी हीं नाव डुबाने पर तुला हो तो भला कौन बचा सकता…
शान्ती देवी अवधेश वर्मा एसएम न्यूज़24टाइम्स विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी 8707331705
मसौली बाराबंकी । जब मांझी हीं नाव डुबाने पर तुला हो तो भला उस नैया को कौन बचा सकता है ! जी हां अपराधों पर नियंत्रण और कानून-व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी जिनके कंधो पर हो और वही जब अपराधियों के हाथों की कठपुतली बन जाये तो ऐसे में शासन की मंशा तार- तार होने से भला कैसे बचेगी । जी हां थाना सफदर गंज के रामपुर कटरा मे चले आ रहे गौकशी के खूनी कारोबार की कुछ ऐसी हीं कहानी है ।
विडम्बना तो दखिये ! और इसे मात्र संयोग कहें या इसको गौकशों द्वारा दी जा रही खुली चुनौती मानें , कि जो व्यक्ति गौरक्षा के लिए समर्पित हो । जिले की एस पी सी ए का अध्यक्ष रहा हो ,तथा विहिप मे गौरक्षा प्रमुख है उसी की बाग को पशु वध करने वालों ने गौकशी का अड्डा बना रखा था । ज्ञात हो कि गत 6/7 अक्टूबर की रात को सफदर गंज थानान्तर्गत ग्राम रामपुर मे स्थित जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता निर्दोष कुमार श्रीवास्तव की बाग मे अज्ञात कसाइयों ने दो गौवंशीय पशुओ का वध कर दिया और मांस लेकर फरार हो गये । सुबह ग्रामीण जब खेत की ओर गये और बाग मे गौवंशीय पशुओ की खाल , खून और अन्य पशुअवषेश पड़े देखे तो हडकंप मच गया । इस संबंध मे सफदर गंज पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है किन्तु घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं । सूत्र बताते हैं कि रामपुर की उक्त बाग और गांव के कई अन्य निर्जन स्थानों पर गौकशी का यह खूनी कारोबार काफी समय से चल रहा था । धंधे मे लिप्त कसाई गौमांस को अपने ठिकाने पर, ले जाकर उसे काली पालीथीन मे एक किलो और आधा किलो के पैकेट बनाते हैं फिर उसे साइकिल, स्कूटर और मोटर साइकिल पर प्लास्टिक की केन तथा फल वाले कैरट मे रख कर रामपुर, सहादतगंज, सैदनपुर,व सफदर गंज, आदि स्थानों की मुस्लिम आबादी मे घर – घर घूम कर बेच आते हैं । ऐसा नहीं है कि स्थानीय पुलिस को इस खूनी कारोबार को अंजाम दे रहे लोगों की गतिविधियों की जानकारी नहीं है लेकिन धंधे के संरक्षकों की बैठक के चलते पुलिस उस ओर ध्यान देना मुनासिब नही समझती है । इस खूनी कारोबार मे इतनी अकूत आमदनी है कि कसाई गौवध के विरूद्ध सरकार के कड़े कानूनों की जरा भी परवाह नहीं करते हैं। जिसके चलते यह अवैधानिक धंधा बन्द नही हो पा रहा है । छुट्टा घूम रहे गौवंशीय पशु इनके शिकार बनते हैं । सूत्र बताते हैं कि केवल एक पशु का वध करने पर इन कसाइयों को 15 से 30 हजार रूपयों की आमदनी हो जाती है । धंधे से जुड़े लोग पशुवध करके इतना मुनाफा कमाते हैं कि स्थानीय पुलिस के साहब बहादुरों को खुश करने मे उन्हे कोई कठिनाई नहीं आती है । गौरतलब है कि थाना क्षेत्र के रामपुर कटरा मे गौकशी का धंधा बेरोकटोक तथा बेखौफ चलता रहा और स्थानीय पुलिस उसके प्रति मूकदर्शक बनी रही ।गौकशी की घटनाओं की रोकथाम तथा इसके विरूद्ध कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ऐसी घटनाओं को यथासंभव दबाने की कोशिश करती है और तभी संज्ञान मे लेती है जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाता है
।शान्ती देवी अवधेश वर्मा एसएम न्यूज़24टाइम्स विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी 8707331705