भाई चारे की तालीम देता है इस्लाम:नूरानी मियां

अब्दुल जब्बार एड्वोकेट व् मुजतबा खान की रिपोर्ट

भेलसर(अयोध्या)इस्लाम अमन और भाईचारे की तालीम देता है।इस्लाम के उसूलों और शिक्षाओं को अपनी जिन्दगी में उतारे बगैर कोई भी शख्श कामिले मुसलमान नही हो सकता।यह विचार सैयद मोहम्मद नूरानी मियां किछौछा शरीफ ने ब्लाक मवई के चन्द्रामऊ मंगा में “जश्ने ईद मिलादुन्नबी सरकारे दो आलम कांफ्रेंस”के अवसर पर व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब की विलादत(पैदाइस)किसी वर्ग विशेष के मफाद में न होकर पूरी आलमे इंसानियत के लिये अजीम नियामत है।मोहम्मद साहब ने जो अजीम इंकलाब बरपा किया उसका मकसद विश्व समाज मे फैली बुराइयों को खत्म कर एक मिसाली परिवेश को कायम कर सभी कौम व फिरके व तबके के बीच प्यार मुहब्बत की सीख देना है।इन्सान की जिन्दगी का कोई ऐसा गोशा हल्का नही था जिसके लिये नबी ए करीम ने सपने पवित्र आचरण से न बताये हों।आप का मकसद आदर्श समाज की स्थापना है।मौलाना जमाल कादरी ने जलसे में मौजूद लोगों से मुखातिब होकर अपने वतन व मुल्क से उल्फत रखकर समाज मे एकता व मुहब्बत कायम करने और फिरका परस्त ताकतों के हौसलों को पस्त करने का पैगाम दिया।कारी गुलाम मुस्तफा ने मानवता के मर्म को मजहब का मूलमंत्र बताया। जलसे को शायरे इस्लाम मुअज्जम सुब्हानी तथा असलम वारसी ने तरन्नुम से नात शरीफ पढ़ कर श्रोताओं का दिल जीत लिया।जलसे के आयोजक अलाउद्दीन खान ने आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।जलसे में पूर्व विधायक सैयद अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां,चेयरमैन जब्बार अली,पूर्व ब्लाक प्रमुख मुनव्वर अली,पूर्व जिला पंचायत सदस्य मो0 अली
हाजी अमानत अली,मो0 रईस खान,हाफिज सहाबुद्दीन,सै0 अली मियाँ,इकबाल उस्मानी,अबसार अहमद,सबैद खान,मुजीब,जैनुल रामपुर,चन्द्रामऊ मंगा प्रधान सलाउद्दीन खां,मो0 सईद खान,इमरान,दिलशाद,खलीक,बाबू खान,जैनुद्दीन,सोनू,अल्ताफ,पुत्तन,अली अहमद,फहीम,नफीस खान,मक्की अशरफ,आफताब आलम खां,आमिर खान,हमजा खां आदि लोग उपस्थित थे।

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