इदलिब में तुर्क सैनिक की मौत के बाद, सीरियाई सैन्य ठिकानों पर तुर्क सेना का हमला

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान का कहना है कि वह अगले महीने रूस, फ़्रांस और जर्मनी के नेताओं से उत्तरी सीरिया की स्थिति के बारे में बातचीत करेंगे।हालिया दिनों में रूसी वायु सेना की मदद से सीरियाई सेना ने तुर्की समर्थित आतंकवादियों के अंतिम गढ़ इदलिब में अच्छी सफलताएं हासिल की हैं।सीरियाई सेना की प्रगति ने तुर्की की चिताएं बढ़ा दी हैं, इसलिए कि इदलिब में तुर्की ने एक दर्जन से ज़्यादा सैन्य चौकियां बना रखी हैं और वह सीरियाई विरोधी आतंकवादी गुटों को बड़े पैमाने पर हथियार और अन्य सैन्य उपकरण दे रहा है।

उत्तरी सीरिया में पिछले क़रीब एक महीने के दौरान, सीरियाई सैनिकों के हमले में 16 से अधिक तुर्क सैनिक हताहत हो चुके हैं।
शनिवार को उत्तरी सीरिया में तुर्की के एक अन्य सैनिक की मौत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अर्दोगान ने कहाः मैंने रूस, फ़्रांस और जर्मनी के नेताओं के साथ फ़ोन पर बातचीत में अपने इरादों को स्पष्ट रूप से ज़ाहिर कर दिया है।इससे पहले पिछले हफ़्ते अर्दोगान ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर इसके बाद उत्तरी सीरिया में किसी एक तुर्क सैनिक को खरोंच भी लगी तो हम जहां भी सीरियाई सैनिकों को पायेंगे, मारेंगे।
तुर्की का कहना है कि तुर्क सैनिकों पर सीरियाई सेना के हमले के बाद, सेना ने जवाबी कार्यवाही करते हुए सीरिया के कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। हालांकि तुर्क सेना के इस दावे की निष्पक्ष सूत्रों ने पुष्टि नहीं की है।2018 में रूस से एक समझौते के बाद, तुर्की ने कुर्द बहुल उत्तरी सीरिया में अपने सौकड़ों सैनिकों को तैनात किया था।रूस का कहना है कि तुर्की ने समझौते के मुताबिक़, विद्रोही गुटों में मौजूद आतंकवादियों और उदारवादी लड़ाकों को अलग अलग नहीं किया। इसलिए सीरियाई सेना को लगातार हमले करने वाले आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही के लिए ख़ुद ही आगे बढ़ना पड़ा।वहीं सीरियाई सरकार का कहना है कि वह आतंकवादियों के सफ़ाए और देश से विदेशी सैनिकों को निकाल कर ही दम लेगी।फ़िलहाल तुर्की ने उत्तरी सीरिया से अपने सैनिकों को बाहर निकालने से इनकार कर दिया है।

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