सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार, सऊदी किंग ने शाही महल में इस्राईली रब्बी का किया स्वागत
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
सऊदी किंग सलमान ने गुरुवार को इस्राईली रब्बी डेविड रोसेन से मुलाक़ात की है, जो इस बात का एक और स्पष्ट सुबूत है कि सऊदी अरब और इस्राईल के बीचे तेज़ी से सहयोग बढ़ रहा है।सऊदी किंग मुसलमानों के दो सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों मक्का और मदीना का संरक्षक होने और इस्लामी जगत का नेतृत्व करने का दावा करते हैं, लेकिन फ़िलिस्ती मुसलमानों पर पिछले 70 वर्षों से बेइंतहा अत्याचार करने और मुसलमानों के तीसरे सबसे पवित्र धार्मिक स्थल बैतुल मुक़द्दस पर क़ब्ज़ा करने वाले इस्राईल के साथ सहयोग बढ़ा रहे हैं।हालिया कुछ वर्षों से इस्राईल और फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों के बीच ख़ुफ़िया रिश्तों और अधिकारियों के बीच ख़ुफ़िया मुलक़ातों की ख़बरें मीडिया में आती रही हैं, लेकिन यह पहली बार है कि सऊदी किंग ने खुलेआम एक इस्राईली धर्मगुरू और प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की है।यह पहली बार है कि एक इस्राईली रब्बी का सऊदी शाही महल में स्वागत हुआ है और उसका मीडिया में एलान भी किया गया है।सऊदी अरब की सरकारी न्यूज़ एजेंसी ने किंग सलमान से मुलाक़ात करने वाले इस्राईली अधिकारियों के नामों का ज़िक्र नहीं किया, बल्कि ख़बर के रूप में सिर्फ़ इस मुलाक़ात की तस्वीर जारी कर दी।इस्राईली सेना के अरबी भाषा के विभाग ने ट्वीट करके सऊदी किंग के इस क़दम का स्वागत किया है।पिछले महीने इस्राईल के गृह मंत्री आरयेह डेरी ने एलान किया था कि अब इस्राईली नागरिक सऊदी अरब की यात्रा कर सकते हैं।वैसे तो सऊदी अरब ने औपचारिक रूप से अभी तक इस्राईल को मान्यता नहीं दी है, लेकिन व्यवहारिक रूप से उसने इस्राईल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित कर लिए हैं।दुनिया भर के मुसलमानों की नाराज़गी से बचने के लिए सऊदी अरब औपचारिक रूप से इस्राईल को मान्यता प्रदान करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।