जरीफनगर गोलीकांड) अमर सिंह पक्ष ने चारों ओर से घेरकर बरसाईं थीं महीपाल पक्ष पर गोलियां, तिहरे हत्याकांड के कई वीडियो आए सामने

मुकीम अहमद अंसारी

 

बदायूं। जरीफनगर तिहरे हत्याकांड के मामले में दो वीडियो सामने आए हैं। दोनों वीडियो उस वक्त के हैं, जब अमर सिंह पक्ष के लोगों ने महीपाल पक्ष के लोगों को चारों ओर से घेर लिया था। महीपाल पक्ष के लोग उन्हें पीछे हटने को कह रहे थे, लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं थे। देखते ही देखते उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें महीपाल पक्ष के सतेंद्र, जयप्रकाश और दूसरे पक्ष के रेशमपाल की मौत हो गई।
गांव आरिफपुर भगतानगला में चुनावी रंजिश को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। तिहरे हत्याकांड के दौरान खेत पर महीपाल पक्ष के केवल चार लोग मौजूद थे। महीपाल अपने ट्रैक्टर ट्रॉली में खाद और ईंट-पत्थर भरकर खेत पर पहुंचा था। उसके साथ में 15 वर्षीय बेटा जयप्रकाश, सतेंद्र और हरिओम थे।असलहे उनके पास भी थे।

ट्रॉली पर थे महीपाल पक्ष के चारों लोग:- इस दौरान महीपाल अपने खेत में खाद लगा रहा था, तभी अमर सिंह तमाम लोगों के साथ वहां पहुंच गया। उनसे बचने के लिए महीपाल समेत चारों लोग ट्रॉली पर चढ़ गए। आरोपियों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया था। उन्हें भागने का कहीं रास्ता नहीं छोड़ा था। ट्रॉली पर खड़ा हरिओम मोबाइल से आरोपियों की वीडियो बना रहा था। उसमें महीपाल यह कहता सुनाई दे रहा है कि क्या हम खाद लगाने नहीं आएं। हमें फसल करने नहीं दोगे। वह हरिओम से पुलिस को कॉल लगाने की भी कह रहा था लेकिन अमर सिंह पक्ष किसी भी कीमत पर उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं था। देखते ही देखते उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।

चार दिन पहले जगदीश की पत्नी से की थी मारपीट:‌- चार दिन पहले 18 फरवरी को अमर सिंह पक्ष के लोगों ने जगदीश की पत्नी कलावती के साथ मारपीट की थी। आरोपी दलवीर, उसका बेटा भूरन, हेतराम और मल्लू पुत्र भूरे ने कलावती को घेर लिया था। उसकी लाठी-डंडे से जबरदस्त पिटाई की थी, जिससे कलावती के गंभीर चोटें आईं थीं। इस मामले में जगदीश के बेटे राजन ने चारों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में कोई कार्रवाई होती। उससे पहले ही आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दे डाला।

तीन हत्याओं के बाद भी कम नहीं हो रहा गुस्सा:- आरिफपुर भगतानगला गांव में तीन लोगों की हत्या के बावजूद दोनों पक्षों का गुस्सा कम नहीं हुआ है। बताते हैं कि जिस वक्त दोनों पक्षों के मृतकों और घायलों को जिला अस्पताल लाया गया था, तब एक बेड पर अमर सिंह और उसके बराबर वाले बेड पर महीपाल को लिटाया गया था। तीनों लोगों के शव उनके सामने पड़े थे। इसके बावजूद अमर सिंह पूरी घटना का जिम्मेदार महीपाल को ठहरा रहा था। वह उसके साथ गालीगलौज भी कर रहा था, जबकि महीपाल अपने बेटे की मौत पर रो रहा था।

*मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्युज24 टाइम्स) बदायूं 9719216984*

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