कोरोना अमरीकी इंटेलीजेन्स की सबसे बड़ी नाकामी, पर्ल हार्बर और 11 सितम्बर से भी बड़ी विफलता और वजह हैं ट्रम्प!
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
अमरीकी मैगज़ीन फ़ारेन पालीसी ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें कोरोना वायरस से निपटने के लिए अमरीका द्वारा अपनाई गई शैली को अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी के इतिहास की सबसे बड़ी नाकामी कहा गया है और इस नाकामी की वजह राष्ट्रपति ट्रम्प की ग़लतियों को बताया गया है।
लेखक मीका ज़िंको का कहना है कि कोरोना वायरस के मामले में सीआईए को जिस भयानक नाकामी का सामना हुआ वह तो पर्ल हार्बर और 11 सितम्बर के हमलों के समय भी नहीं देखने में आई थी। ज़िंको के अनुसार ट्रम्प प्रशासन ने अमरीकी इंटैलीजेन्स की ओर से बार बार दी जाने वाली चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया और फिर जब देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना फैल गया तो उसे रोकने के लिए जिस स्तर पर क़दम उठाने की ज़रूरत थी ट्रम्प ने उस स्तर पर काम भी नहीं किया।
ट्रम्प प्रशासन के कई अधिकारियों ने इस प्रकार के आदेश जारी किए जिनसे यह ज़ाहिर होता था कि कोरोना वायरस का ख़तरा ज़्यादा नहीं है। इन अधिकारियों ने वायरस का प्रसार रोकने के मामले में इतनी ढिलाई बरती कि अमरीकी नागरिकों की सुरक्षा बुरी तरह ख़तरे में पड़ गई।
लेख में बताया गया है कि ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए अपातकाल की स्ट्रैटेजी पर अमल किया लेकिन वह स्ट्रैटेजी अमरीका के इतिहास में इस प्रकार के हालात में अपनाई गई स्ट्रैटेजी से पूर्णतः अलग है। ईरान में आने वाली इस्लामी क्रान्ति, पर्ल हार्बर की घटना और 11 सितम्बर के हमलों के समय जो अपातकालीन स्ट्रैटेजी अपनाई गई उसकी तुलना में इस समय ट्रम्प जो कुछ कर रहे हैं उससे ट्रम्प प्रशासन की लापरवाही साफ़ ज़ाहिर है।
लेख में बताया गया है कि अमरीकी अख़बार वाशिंग्टन पोस्ट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि अमरीकी इंटैलीजेन्स ने कोरोना वायरस के ख़तरे के बारे में बार बार अमरीकी प्रशासन को चेतावनी दी मगर ट्रम्प ने बार बार कोरोना वायरस का मज़ाक़ उड़ाया तो वाइट हाउस के अधिकारियों पर इंटैलीजेन्स एजेंसियों की चेतावनियों का कोई ख़ास असर भी नहीं हुआ। ट्रम्प ने तो यह कहा कि हालात हमारे क़ाबू में हैं यह मामला चीन से आने वाले एक व्यक्ति का है हमने मामले को कंट्रोल कर लिया है और अब सब कुछ पूरी तरह ठीक है।
स्रोतः फ़ारेन पालीसी