बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा, अजमेर शरीफ दरगाह ने शांति की अपील की

समाचार एजेंसी न्युज एसएम न्युज24 टाइम्स सुपर फास्ट मिडिया के साथ उत्तर प्रदेश

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदुओं, हिंदू मंदिरों, उनके घरों और दुकानों पर हमले हो रहे हैं। इन हमलों में अनगिनत लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है तो उनकी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। हिंदुओं पर हो रहे इन हमलों की वैश्विक स्तर पर निंदा की जा रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। भारत में भी अनेक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि वह पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हाजी सैयद सलमान चिश्ती (गद्दीनशीन दरगाह अजमेर शरीफ और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे हाल ही में बांग्लादेश में हुई हिंसा और विभिन्न धार्मिक समुदायों के पूजा स्थलों पर हमलों की गहरी निंदा करते हैं। ऐसी नफरत और असहिष्णुता के कार्य अत्यधिक परेशान करने वाले हैं और उन शांति, सम्मान और एकता के सिद्धांतों के विरुद्ध हैं जिन्हें वे प्रिय मानते हैं। उन्होंने कहा है कि वे बांग्लादेश में हिंदुओं, जातीय अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। ये हिंसक कार्य न केवल व्यक्तियों और समुदायों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि हमारी विविध और आपस में जुड़ी हुई दुनिया के ताने-बाने को भी खतरे में डालते हैं। यह अत्यावश्यक है कि सभी लोग एकजुटता में खड़े हों, शांति, पारस्परिक सम्मान और सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की वकालत करें। उन्होंने कहा कि वे सभी नेताओं और समुदायों से इन मुद्दों को हल करने और सद्भाव और समझ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एकजुट होने का आग्रह करते हैं।

 अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना’, राज्यसभा में बांग्लादेश हिंसा पर बोले जयशंकर

बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। पड़ोसी देश में भड़की हिंसा को लेकर भारत लगातार चिंता जता रहा है। अब मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बांग्लादेश हिंसा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में जुलाई से हिंसा जारी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी वहां हिंसा जारी है। भारत सरकार बांग्लादेश के अधिकारियों के संपर्क में हैं। वहां, पुलिस के ऊपर भी हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शेख हसीना ने भारत आने का अनुरोध किया था। उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बांग्लादेश की स्थिति पर कहा, ‘पांच अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद ढाका में प्रदर्शनकारी जमा हो गए। हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला लिया। बहुत कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी का अनुरोध किया। साथ ही हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं। वहां एक अनुमान के अनुसार 19 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से करीब नौ हजार छात्र हैं। बड़ी संख्या में छात्र जुलाई में वापस आ गए थे। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।’

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