डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति थे: ओमकार सिंह

मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं

बदायूं : भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए विद्यावती वैदिक कन्या विद्यायल नगला पूर्वी बदायूं में शिक्षकों को सम्मानित किया कार्यकम की अध्यक्षता प्रबंधक राजवीर सिंह राठौर ने की इस अवसर पर विद्यायल के छात्राओं ने शिक्षकों से संबंधित गानों पर अपनी पेशकश दी इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने 16 साल में शादी के बंधन में बंधकर समाज के नियमों को माना तो 21 साल की उम्र में लेक्चरर बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ये शख्स हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने वाला दिन, डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन को समर्पित है। उन्होंने कहा वह एक महान शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति थे। आज की पीढ़ी को डॉ. राधाकृष्णन के जीवन के अनोखे पहलुओं को जानने की जरूरत हैं और समझना चाहिए  कि कैसे उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी। डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी में हुआ था। उनके पिता वीर सामैय्या तहसीलदार मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे, उनके परिवार का मूल गांव सर्वपल्ली था। इस अवसर पर राजीवर सिंह राठौर ने भी विचार व्यक्त किये इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष वीरेश तोमर ने कहा महज 21 साल की उम्र में उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में फिलॉसफी विभाग में जूनियर लेक्चरर के रूप में पढ़ाना शुरू किया। उनका शिक्षण करियर बहुत ही प्रेरणादायक रहा और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उन्हें 1954 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और 1962 तक इस पद पर रहे। उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर जिला सचिव अनिल पाठक ने भी विचार व्यक्त किये कार्यक्रम का संचालन विद्यालय प्रिंसीपल रीता कुमारी साहनी ने किया।

 

मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं

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