श्री प्राचीन रामलीला के रंग मंच पर भगवान श्री सीताराम की भव्य आरती के साथ वनवास की लीला का मंचन किया गया

मुकीम अहमद अंसारी

बिसौली। श्री प्राचीन रामलीला के रंग मंच पर भगवान श्री सीताराम जी की भव्य आरती के साथ राम वनवास की लीला का मंचन किया गया। महाराजा दशरथ ( गिरीश मिश्रा ) ने अपने कान के पास के बाल स्वेत होते देख वानप्रस्थ का विचार किया और अयोध्या का राज भगवान श्री राम ( विनायक मिश्रा ) को देने की घोषणा की। परंतु यह बात मंथरा (ओमवीर मिश्रा) ने अपनी कुटिलता से महारानी कैकई (जितेश मिश्रा) को अपनी बातों में बहला कर महाराज दशरथ से दो वरदान मांगने को प्रेरित किया। एक में भरत को राज और दूसरे में राम जी को चौदह वर्षों का वनवास, कोप भवन में जाकर अपना त्रिया चरित्र दिखाकर महारानी कैकई ने महाराज दशरथ से यह दो वरदान मांग लिए। महाराज यह सुनकर अचेत अवस्था में आ गए भगवान राम ने महाराज दशरथ के पास पहुंचकर उनको समझाया और पिता की आज्ञा मानकर वन गमन की आज्ञा को शिरोधार किया। माता कौशल्या के महल में पहुंचकर सारा वृत्तांत बताया और वन गमन की आजा मांगी। वहीं पर लक्ष्मण (नवनीत पाठक) आ गए और वन जाने की हठ की माता सीता (शुभ मिश्रा) भी वन जाने की सूचना सुनकर आ गई। वन जाने की हठ की माता कौशल्या और सुमित्रा की आज्ञा से लक्ष्मण और सीता को साथ ले जाने की आज्ञा स्वीकार की। अन्त में महाराज दशरथ गुरु वशिष्ठ (राम सुमिरन मिश्रा) की आज्ञा लेकर तपस्वी का वेश धरकर वन को चले गए। राम बनवास के दृश्य को देखकर सभी दर्शक भाव विभोर हो गए। ऐसा भाव विभोर कर देने वाला दृश्य देखकर सभी के आंखों में अश्रुओं की धारा बहने लगी ऐसा लगा मानो सच में वह त्रेता युग का भाव लोगों के मन में देखने को मिला। पात्र राम विनायक मिश्रा, लक्ष्मण नवनीत पाठक, सीता शुभ मिश्रा, दशरथ गिरीश चंद्र मिश्रा, कौशल्या जितेश मिश्रा, सुमंत ओमवीर मिश्रा आदि कमेटी व क्लब के पदाधिकारी मौजूद है।

*मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं*

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