श्री प्राचीन रामलीला अपना 177 वां वर्ष मना रहा है

मुकीम अहमद अंसारी

बिसौली। श्री प्राचीन रामलीला अपना 177 वां वर्ष मना रहा हैं। जिसमें मंगलवार रात्रि रामलीला में केवट संवाद का मंचन हुआ। राम जब सरयू नदी पर पहुँचते है तब वहा खड़ी नाव देखकर मल्लाह को आवाज लगाते हैं। मल्लाह वहा पहुँचता हैं और वह पहले राम लक्ष्मण सीता के पैर घुलता हैं काफी देर तक चरण निहारता हैं, तब राम द्वारा बिनती करना उसके बाद मल्लाह जिसका नाम केवट था वो कहता हैं हे प्रभु आपने उस जन्म में तो अपने पैर छूने नहीं दिए अब तो इस जन्म में छूने दो, फिर केवट ने अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई और कहा कि जब में पूर्व में कछुआ योनि में था तब छीर सागर में घूमते घूमते आपके पास पहुंच गया तो कहि लक्ष्मण जी अपनी फुसकार मारकर मुझे भगा देते तो कहि लक्ष्मी जी अपने हाथ से हटा देती, अपनी पूर्व जन्म की कथा सुनाकर केवट नाव को लेकर चलता हैं और रास्ते मे कहता हैं कि हे राम हमारी नाव चली जरा बल्ली कृपा की लगा देना उस पार पहुँचने पर राम द्वारा मल्लाह को अंगूठी देना मल्लाह द्वारा अंगूठी नही लेना फिर मल्लाह कहता हैं तुम आये हो घाट हमारे हम आएंगे घाट तुम्हारे तव तुम पार लगइयो राम। यह सुनकर राम वहां से चल देते हैं, राम जीतेश, लक्ष्मण सोनू, सीता शुभ मिश्रा, केवट गिरीश, सुतीक्ष्ण शिवम मिश्रा, मंच का सफल संचालन राजेन्द्र मिश्रा ने किया। इस मौके पर रामसुमिरन मिश्रा, गोपी बल्लभ मिश्रा, जगतपाल मिश्र, सुभाष राजौरिया, जगदीश राजौरिया, बृजवासी, ज्ञानेश्वर शंखधार, राजेश सिंह, चन्द्रपाल शर्मा, हरिओम मिश्रा, रतनदीप, अशोक शंखधर, मुकेश मिश्रा, नीरज पाराशरी, मुनीस मिश्रा, जीतेश मिश्रा सहित समस्त कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहे।

*मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं*

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