अपने ही विभाग का कर्मचारी वना विभीषण, विभाग के ही कर्मचारियों को फंसाने के लिए रची थी साजिश, विभागीय कर्मचारी ने अपने ही विभाग के दो सहकर्मचारियों सहित कई अज्ञात के विरुद्ध वन्य जीवसंरक्षण अधिनियम के अंतर्गत किया मामला दर्ज,

मुकीम अहमद अंसारी

मामले की जांच प्रभागीय निदेशक बदायूं ने स्वंय कर रहे हैं,

सहसवान, बदायूं। 12 जनवरी को सामाजिक वानिकी क्षेत्र कार्यालय में खड़ी स्विफ्ट डिजायर कार में छत बिक्षत अवस्था में मिले वन्य जीव सियार का शव किसी और ने नहीं अपने ही विभाग के विभीषण का रूप रखें दो कर्मचारियों ने रखकर अपने ही विभाग के एक कर्मचारी को फंसाने की साजिश रची थी इस साजिश में नाकामयाबी साजिशकर्ताओं को उस समय मिली जब चिकित्सीय पैनल में चिकित्सको ने वन्य जीवसियार की हत्या नहीं माना बल्कि उसकी मृत्यु एक एक्सीडेंट बताया, वहीं सहसवान सामाजिक बांनिकी क्षेत्र कार्यालय के वनविद विजय सिंह ने एस टु केस आर सी न,31 वर्ष 2024/25 दिनांक 12 जनवरी 2025 को सामाजिक वानिकी क्षेत्र कार्यालय सहसवान के मालपुर बीट पर तैनात वनरक्षक अनिल राजपूत तथा (पूर्व में सहसवान सामाजिक बांनिकी क्षेत्र कार्यालय पर तैनात रहे) वर्तमान में बिसौली रेंज में तैनात अंकेश शर्मा उपराजिक साहित कई अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।
ज्ञात रहे 12 जनवरी वर्ष 2025 को सामाजिक बांनिकी क्षेत्र कार्यालय सहसवान परिसर में खड़ी स्विफ्ट डिजायर कार की डिग्गी में एक वन्य जीव पशु की जंगल में हत्या करके उसका शब गाड़ी में कार्यालय में लाने की जानकारी होने पर पशु प्रेमी वीकेंद्र शर्मा संजीव कुमार आदि ने तड़के सुबह 5:30 बजे पहुंचकर वन क्षेत्राधिकार अशोक कुमार त्यागी तथा वनविद विजय कुमार को सोते से उठाकर स्विफ्ट कार डिजायर की डिग्गी खुलवाई तो उसमें एक प्लास्टिक के बोरे में एक शव मिला जो वन्य जीव सियार का था जिसके चारों हाथ पैर कटे हुए थे वन्य जीव सियार के छत विक्षत शब को देखकर उपरोक्त लोगों ने जमकर हंगामा किया तथा घटनास्थल से ही पशु प्रेमियों ने प्रभागीय निदेशक तथा सहसवान थाना कोतवाली पुलिस को मौके पर बुलाकर वनविद विजय सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज किए जाने की मांग की तथा यही नहीं पशु प्रेमी संजीव कुमार प्रजापति ने वनविद विजय सिंह के विरुद्ध वन्य जीव सियार की हत्या करके उसके शव को किसी तांत्रिक के हाथ बेचने का आरोप लगाते हुए अपराध पंजीकृत कराए जाने के लिए थाना कोतवाली पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया । इधर मौके पर पहुंचे प्रभागीय निदेशक प्रदीप कुमार वर्मा भी तत्काल मौके पर पहुंच गए तथा मामले की बारीकी से अध्ययन किया तथा घटना के बिंदुओं को गहनता से परीक्षण किया प्रभागीय निदेशक ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को तत्काल पत्र भेजकर छत विक्षत अवस्था में मिले वन्य जीव सियार के शव का पैनल द्वारा चिकित्सीय परीक्षण कराए जाने का अनुरोध किया जिस पर उपमुख्य पशुचिकित्साधिकारी सहसवान डॉक्टर कर्म राज सिंह यादव के नेतृत्व में तीनचिकित्सीको की टीम ने मौके पर पहुंचकर वन्य जीव सियार के शव का बारीकी से चिकित्सीयपरीक्षण किया परीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी की गई चिकित्सीय टीम ने चिकित्सीय रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बदायूं को भेज बंद लिफाफे में भेज दी । मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने चिकित्सीय रिपोर्ट प्रभागीय निदेशक प्रदीप कुमार वर्मा को भेज दी प्रभागीय निदेशक प्रदीप कुमार वर्मा ने चिकित्सीय टीम द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में बताया कि मृतक सियार की हत्या नहीं बल्कि उसकी मौत एक एक्सीडेंट में हुई है। चिकित्सीय पैनल द्वारा मृतक सियार की मौत की आई रिपोर्ट के बाद प्रभागीय निदेशक प्रदीप कुमार वर्मा ने माना सामाजिक वानिकी क्षेत्र कार्यालय में खड़ी स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सियार का शव कर्मचारियों को फंसाने के उद्देश्य से रखा गया था उन्होंने इस घटना को साजिश करार दिया। वन्य जीवसियार के शब की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद अपने ही विभाग के कर्मचारियों को फंसाए जाने के लिए कर्मचारी द्वारा रची गई साजिश का भंडा फूट गया और साजिश वेनकाब हो गई उसके ही विभाग का उसका ही साथी इस घटना का मास्टरमाइंड निकला।
इधर सामाजिक बांनिकी क्षेत्र कार्यालय के वनविद विजय सिंह ने सहसवान बांनिकी क्षेत्र कार्यालय के मालपुर बीट पर तैनात वनरक्षक अनिल राजपूत (पूर्व में सहसवान सामाजिक बांनिकी क्षेत्र कार्यालय पर तैनात रहे)उपराजिक अंकेश शर्मा जो वर्तमान में बिसौली बांनिकी क्षेत्र कार्यालय में तैनात है सहित पशु प्रेमी वीकेन्द्र शर्मा संजीव प्रजापति कई अज्ञात लोगों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9,39, 48, 95, मामला दर्ज किया है मामले की जांच प्रभागीय निदेशक बदायूं प्रदीप कुमार वर्मा द्वारा की जा रही है सहसवान बांनिकी क्षेत्र कार्यालय में यह पहला मामला है की सहसवान बानिकि क्षेत्र कार्यालय में कर्मचारी द्वारा अपने ही विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में अपराध पंजीकृत किया गया है।
बताया जाता है की बनविद विजय सिंह द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपराध संख्या आरसी नंबर 31 12 जनवरी 2025 को जो दर्ज किया गया है जिसकी जांच प्रभागीय निदेशक बदायूं प्रदीप कुमार वर्मा द्वारा की जा रही है सूत्रों का कहना है की प्रभागीय निदेशक बदायूं द्वारा जांच का समय 90 दिन है जांच अभी चल रही है अगर जांच में उपरोक्त वनरक्षक अनिल राजपूत, उपराजिक अंकेश शर्मा अगर दोषी पाए जाने पर उन्हें न्यायालय द्वारा तीन से सात वर्ष की कड़ी सजा हो सकती है सूत्रों का कहना है की विभागीय मामले में सजा होने पर सेवा से भी बर्खास्त किया जा सकता है बताया जाता है घटना की विवेचक प्रभागीय निदेशक प्रदीप कुमार वर्मा द्वारा घटना की रात 11/12 जनवरी मोबाइल द्वारा की गई कॉलिंग की सीडीआर भी निकलवाई जा रही है अगर सीडीआर में आरोपी अनिल राजपूत अंकेश शर्मा तथा अन्य लोगों के बीच साजिश रचने की मोबाइल पर हुई वार्ता में कॉल डिटेल मैच कर गई तो भी आरोपियों के मामला गले की फांस बन सकता है।
बराहल अपने ही विभाग के विभीषण ने ही अपने घर में आग लगाने का जो षड्यंत्र रचा है और इस षड्यंत्र से जो विभाग की छवि धूमिल हुई है उसकी भरपाई होना नामुमकिन है क्षेत्रीय लोग यह कहते हुए नहीं थक रहे कि अब तो विभागीय कर्मचारी अपने ही विभाग के कर्मचारियों को फंसाने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं जिससे विभागीय कर्मचारियों में भविष्य में वैमनस्यता बड़ी तो निश्चित एक दूसरे के प्रति विश्वास नहीं करेंगे जो भविष्य के लिए घातक होगा।

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