पुलिस चैकी में मंदबुद्धि युवक से सपना चैधरी की तर्ज पर खाकी ने डांस को किया मजबूर

जिला ब्यूरो आलोक सिंह जनपद इटावा उत्तर प्रदेश

 बलरई थाना क्षेत्र में दो सिपाहियों ने मंदबुद्धि युTVवक को बेरहमी से पीट चाकू की बरामदगी दिखा किया चालान एसएसपी ने की कड़ी कार्रवाई, सोशल मीडिया पर वायरल घटनाओं को संज्ञान लेते हुए चैकी प्रभारी को किया लाइन हाजिर, बेरहम सिपाही निलंबित

– खाकी की छवि पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, अमानवीय कृत्यों की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए कप्तान से कदम उठाने की मांग की

इटावा,: कोरोना कोविड-19 वायरस के संक्रमण का दुनिया भर को एक ऐसी दहशत से भर दिया कि इसके संक्रमण से हमारा देश भी अछूता नहीं रह सका। कोविड-19 का संक्रमण ने जब देशवासियों को अपनी चपेट में लेना आरंभ किया तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समूचे देशवासियों को लाॅक डाउन मसलन घरों में कैद भरी जिंदगी जीने को मजबूर करना पड़ा। देश में लाॅक डाउन की अवधि को 40 दिन बीत चुके हैं। इस अवधि में देशवासियों को तमाम दुश्वारियों से रू-ब-रू करा दिया। इस दौर में यह भी सच है कि हमारे सामने तमाम मानवीय व अमानवीय रूपों को सामने लाया। लाॅक डाउन का पालन एवं संक्रमितों को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करने के मामले में जहां पुलिस जवानों, चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई कर्मियों का जनपद के विभिन्न स्थानों पर फूलमालाएं पहना कर सम्मान किया। ऐसा प्रतीत होने लगा कि मानो आमजनों की नजरों में दहशत का पर्याय के रूप में पहचानी जाने वाली खाकी का हृदय परिवर्तन हो गया हो। शासन स्तर के साथ ही जनपदीय पुलिस के उच्चाधिकारियों ने भी तमाम दुश्वारियों के बावजूद भी निष्ठा के साथ मानवीय संवेदनाओं का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले पुलिस जवानों व अधीनस्थ अधिकारियों के कर्तव्यपालन के प्रति समर्पण भाव के लिए सराहना भी की, परंतु सामने आये ताजा मामलों ने पुलिस की छवि को एक बारगी पुनः डरावना और जालिम करार दे दिया। अभी तक छिटपुट घटनाओं को समाज सहित मीडिया ने भी अनदेखा करने का प्रयास किया, परंतु खाकी के वर्तमान स्वरूप को नजरअंदाज करना संभवतः वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के लिए भी मुमकिन साबित नहीं हुआ। शहर के कोतवाली नगर क्षेत्र के नया शहर चैकी प्रभारी द्वारा जिस प्रकार से खुलेआम लाॅक डाउन तो उल्लंघन किया ही बल्कि एक मंदबुद्धि युवक को चैकी परिसर में अधीनस्थों जवानों एवं खुद के मनोरंजन के लिए फिजीकल डिस्टेंस तो दूर नियमतः बिना मास्क पहने जिस अंदाज मंे डांस करने को मजबूर किया, उससे खाकी का अब तक सम्मान करने वाले भी शर्मसार हो गए। वहीं एक दूसरी घटना में बलरई थाना क्षेत्र के ग्राम बीवामउ में एक मंदबुद्धि युवक को अमानवीयता के साथ लाठियों से लिटा-लिटा कर इस कदर पीटा कि मानवता भी शर्मा जाए। यद्यपि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तोमर ने दोनों प्रकरणों के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद संज्ञान लेते हुए नया शहर चैकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया तथा बलरई थाना के आरोपित दो पुलिस जवानों को निलंबित कर खाकी की गरिमा को बरकरार रखने का प्रयास किया है। इन घटनाओं पर कांग्रेस ने भी आक्रोश जताते हुए पुलिस अधिकारी व जवानों के इस कृत्य को लेकर जमकर आलोचना की है।

पहली घटना कोतवाली नगर क्षेत्र के तहत आने वाली नया शहर चैकी परिसर की है। यहां लाॅक डाउन का पालन कराने के लिए चैकी प्रभारी विश्वनाथ मिश्रा अपने अधीनस्थ जवानों व महिला पुलिसकर्मियों के साथ चैराहा पर तैनात थे। सड़कों पर पुलिस के खौफ के चलते सन्नाटे एवं गर्मी की विभीषिका से जूझ रहे चैकी प्रभारी मिश्रा ने लाॅक डाउन के दरम्यान बाजार में घूम रहे एक मंदबुद्धि युवक को पकड़ लिया। फिर क्या था चैकी प्रभारी मिश्रा अपने दल-बल के साथ उसे चैकी परिसर ले गए और अपने नृत्य की अदाओं से खासी शोहरत बटोरनी वाली सपना चैधरी के प्रशंसक मिश्रा ने सपना चैधरी के गीतों पर उसी भांति डांस करने को मजबूर कर दिया। पुलिस कहीं अपने वास्तविक रूप में न आ जाए, इस दहशत में बेचारा मंदबुद्धि युवक कुछ समय तक मानो सपना चैधरी का ही रूप अख्तियार करने को मजबूर हो गया। हद तो यह थी कि इस अवधि में चैकी में मौजूद प्रभारी मिश्रा अपने हमराह पुलिस जवानों के साथ बिना फिजीकल डिस्टेंसिंग व मास्क पहन कर ठहाके लगाकर बंदबुद्धि व्यक्ति की मजबूरी पर ठहाके लगाते रहे। इस घटनाक्रम का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया तो देर रात ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तोमर ने इस घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए चैकी प्रभारी को तत्काल लाइन हाजिर करने के साथ ही जांच के आदेश दे दिए।
वहीं दूसरे घटनाक्रम में बलरई थाना में तैनात सिपाही सुभाष व प्रवीण लाॅक डाउन के दरम्यान अपनी ड्यूटी का पालन करना तो भूल गए और थाना क्षेत्र के ग्राम बीवामउ से 22 वर्षीय मंदबुद्धि युवक सुनील उर्फ पंडित पुत्र रणवीर सिंह यादव को पकड़ लिया और उसके साथ जालिमों की भांति व्यवहार किया। यहां आरोपी पुलिसकर्मियों ने सुनील को लाठियों से इस कदर पीटा कि वह वहीं पर गिर पड़ा, परंतु शैतान रूप में सामने आये इन सिपाहियों को उस पर कोई तरस नहीं आया। खाकी के इस रौद्र रूप के आगे ग्रामीण व सुनील के परिजन भी असहाय नजर आये। इतना ही नहीं बाद में इन पुलिसकर्मियों ने उक्त युवक का बिना किसी चिकित्सीय परीक्षण कर चाकू की बरामदगी दिखाते हुए चालान कर दिया। यह मामला भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो समूचा पुलिस महकमा सन्न रह गया। मामले का संज्ञान लेते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तोमर ने सुभाष को तत्काल निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए, परंतु सवाल यह है कि आखिर पुलिस कप्तान ने प्रवीण पर रहमदिली किस आधार पर दिखाई?

जनपद में कोविड-19 संक्रमण के मामले सीमित रहे। जनपदवासियों ने निस्संदेह अपनी तमाम दुश्वारियों का सामना करते हुए ड्यूटी पर पूर्व में खाकीधारियों द्वारा घर-परिवार व आराम से विरत रहते हुए जिस प्रकार से अपने दायित्वों का निर्वाहन किया। उसके लिए तमाम स्थानों पर विभिन्न समाजसेवी संस्थानों व क्षेत्रवासियों ने पुलिस के अधिकारियों व जवानों को फूलमालाएं पहना कर सम्मानित किया, परंतु एक ही दिन में घटी इन दोनों घटनाओं ने सम्मानयोग्य पुलिसकर्मियों को भी शर्मसार कर दिया। लाॅक डाउन के आगाज के साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर समय-समय पर अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों एवं जवानों को लाॅक डाउन की चुनौतीपूर्ण अवधि में मानवीय संवेदनाओं के साथ ड्यूटी को अंजाम देने का पाठ पढ़ाते रहे। परिणामस्वरूप पूर्व में शैतानी शक्तियों का पर्याय बनने वाली खाकी ने कई मामलों में मानवता की मिसालें भी कायम कीं, मगर सम्मान देने वाली संस्थाएं एवं समूह आज पुलिस की इन दरिंदगियों से खुद को ही शर्मसार महसूस करने लगे हैं।
पुलिस के इस अमानवीय कृत्य पर कांग्रेस ने भी तीखी आलोचना की है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह यादव ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के तमाम प्रयासों के बावजूद भी पुलिस में सुधार नहीं हो सका। 40 दिनों की लाॅक डाउन की अवधि में जनपद के 20 थानों क्षेत्रों में शायद ही ऐसा कोई थाना छूटा हो, जहां तैनात पुलिस अधिकारियों अथवा जवानों का उनकी मानवीय संवेदनाओं के प्रति समर्पण भाव के लिए सम्मान न किया गया हो, परंतु यह भी सच है कि ऐसा कोई दिन भी नहीं गुजरा जब खाकी ने अपने दायित्वों से विरत रहते हुए कोई कार्य न किया हो। कभी नाबालिग बच्चों को मुर्गा बनाया तो कभी जमीन पर लिटा कर उन्हें डंडों से पीट कर सबक न सिखाया हो। बुजुर्गों, महिलाओं को अपमानित करना तो दूर सब्जी व फल विक्रेताओं को पीटने की घटनाएं आम हैं। हद तो यह रही कि बीते दिनों हादसे का शिकार हुए एक युवक के शव को तीन घंटे की अवधि तक पुलिस कफन तक का प्रबंध नहीं कर सकी और एक मंदबुद्धि युवक को सिर मुंडवा कर चैकी में डांस के लिए मजबूर करना तथा एक मंदबुद्धि युवक को बेरहमी से पीट कर असंवैधानिक तरीके से चालान करना अमानवीय संवेदनाओं की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि बेशक पुलिस कप्तान ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई करते हुए ऐसे वर्दीधारियों को सबक अवश्य सिखा दिया है, परंतु पुलिस कप्तान को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

जिला ब्यूरो आलोक सिंह जनपद इटावा उत्तर प्रदेश

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