कांग्रेस वहन करेगी मजदूरों के घर लौटने का टिकट खर्च: सोनिया गांधी

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट

नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं लेकिन इसके लिए उन्हें किराया चुकाना पड़ रहा है। जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को बयान जारी कर सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना है कि विदेश में फंसे भारतीयों को मुफ्त में वापस लाया गया जबकि कामगारों से किराया वसूला जा रहा है। ऐसे में उन्होंने फैसला लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक और कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी और जरूरी कदम उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान जारी करते हुए कहा, श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए।

सरकार पर निशाना साधा

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रु. दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?

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