पत्रकारिता एक मल्टीनेशनल व्यवसाय बन गया है।
-सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाना अब नहीं रह गया है मूल उद्देश्य
उत्तर प्रदेश। वर्तमान काल पत्रकारिता के लिए बहुत असमंजस भरा है। एक तरफ पत्रकार की जिम्मेदारी है कि वह समाज का आइना बने तो दूसरी तरफ उसे निष्पक्ष पत्रकारिता करने पर उसे सम्मान की जगह तरह-तरह से घेरा जा रहा है ताकि वह अपनी लेखनी पर विराम लगा सकें। हर रात की सुबह होती है उसी प्रकार यह समय भी कट जायेगा किन्तु इस बार रात का अंधेरा थोड़ा अधिक है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय पत्रकारिता से जुड़े तमाम पत्रकारों को मैं सलाम करता हूँ कि वह इस घोर अंधियारे में अपने हौसलों पर अडिग हैं और खास कर क्षेत्रीय पत्रकार जिनके बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है उनको किसी प्रकार से सहायता भी सरकार द्वारा नहीं मिलती है और न ही उनको शीर्ष स्तर से मानदेय दिया जाता है लेकिन फिर भी वह अपनी जान जोखिम में डालकर समाज का आइना बनकर हर छोटी से छोटी खबर का कवरेज करके लोगों तक पहुंचाने का काम बखूबी कर रहे हैं।
मालूम हो कि बहुत से पत्रकारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का जुनून होता है जब यह पत्रकार अपने बड़े बैनर के अखबारों में खबर को प्रकाशित करने के लिए भेजते हैं तो वहां पर बैठे मल्टी नेशनल कम्पनी के मालिक नफा नुकसान का आंकड़ा लगाते है कि फंलाने हमको हर त्यौहार पर विज्ञापन देते हैं अगर वह खबर प्रकाशित हो गई तो कम्पनी का साल में इतने करोड़ का विज्ञापन नहीं मिलेगा और इतना घाटा होगा किन्तु वहीं पर क्षेत्रीय पत्रकार बिना नफा नुकसान की चिंता के उसका एक ही मकसद होता है कि समाज में फैल रहे भ्रष्टाचार को लगातार उजागर करता रहे।
Related Posts
कभी-कभी क्षेत्रीय पत्रकार पर दबाब बनाने के लिए उसके द्वारा पूर्व में प्रकाशित खबरों से सम्बंधित व्यक्तियों द्वारा गठजोड़ करके दुश्मन का दुमश्न दोस्त की तर्ज पर परदे के पीछे से पुलिस व क्षेत्रीय नेताओं द्वारा चक्रव्यूह रचकर उसके विरूद्ध एक सोची समझी रणनीति के तहत उसे फंसाकर अपना मकसद पूरा किया जाता है लेकिन फिर भी क्षेत्रीय पत्रकार के कभी हौसले नहीं टूटते हैं और वह इन सब मकड़जाल से उभरकर निरन्तर पत्रकारिता जारी रखता है किन्तु यहां पर उसका साथ देने के लिए कोई भी पत्रकार आगे नहीं आता है उसे अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है। सभी पत्रकार जानते हैं कि क्षेत्रीय पत्रकार को उसकी खबरों के लिए ही विरोधियों का कोपभाजन का शिकार होना पड़ा है फिर भी कोई पत्रकार उसकी पीठ पर हाथ नहीं रखता है।
क्षेत्रीय पत्रकार द्वारा खबर प्रकाशित करने पर बड़े-बड़े भ्रष्टारियों की हवा निकल जाती है किन्तु उसी खबर की सच्चाई जानने के बाद भी कोई भी बड़े बैनर का पत्रकार उस घटना से सम्बंधित निष्पक्ष खबर प्रकाशित नहीं कर पाता है। कभी-कभी क्षेत्रीय पत्रकार जिसने भ्रष्टाचारी के विरूद्ध खबर प्रकाशित किया होता है वहीं भ्रष्टाचारी दूसरे दिन बड़े-बड़े मल्टी नेशनल ब्राण्ड के पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए एक भव्य आयोजन करते हैं, उस आयोजन में खाने से लेकर पीने तक का इंतिजाम के साथ साथ रिटर्न गिफ्ट की भी व्यवस्था की जाती है, वह प्रोग्राम भव्य इसलिए किया जाता है कि देखों पैसों में कितनी ताकत होती है, भ्रष्टाचार उजागर करने में तुम्हारा नुकसान ही होगा। लेकिन उन भ्रष्टाचारियों को क्या मालूम है कि विपरीत परिस्थितियों में भी बहुत से पत्रकार सत्य का ही साथ देते हैं। उनके दो कौड़ी के गिफ्ट के लिए पत्रकार कभी पत्रकारिता नहीं करता है, पत्रकार समाज में फैले भ्रष्टाचार के लिए ही अपना तन, मन धन लगाकर समाज की सेवा करता है।
अब्दुल मुईद सिटी-रिपोर्टर (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)