अब विरोध का कोई फायदा नहीं, कृषि सुधारों का लाभ किसानों का मिलना शुरू हो गया है। जिनकी जमीन खिसक रही है वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं-पीएम मोदी। जहां डेयरियां हैं वहां पशुओं की भी देखभाल होती है, इसका फायदा पशुपालकों को मिलता है।
21 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार की अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर वर्चुअल तकनीक से लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अब कृषि सुधार के उपायों का विरोध करने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि किसानों को तो ऐसे उपायों का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। मोदी ने कहा कि कृषि सुधार बिल भले ही संसद में 20 सितम्बर को मंजूर हुए हों, लेकिन अध्यादेश की वजह से ऐसे बिलों के प्रावधान 6 माह पूर्व ही लागू हो गए थे। अब इन प्रावधानों का लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। मोदी ने आलू और दालों का उदाहरण दिया। मोदी ने बताया कि जिन राज्यों में आलू की पैदावार ज्यादा होती है,वहां के किसानों ने अपना उत्पाद उन राज्यों में बेचा जहां पैदावार कम और मांग अधिक है। इसस सीधे किसान का फायदा हुआ। इसी प्रकार राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में जहां दालों का उत्पादन ज्यादा हुआ, वहां किसानों से मिल मालिकों ने सीधे खरीद की। चूंकि अब आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों में बदलाव हो गया, इसलिए भंडारन की भी कोई परेशानी नहीं हुई। इस व्यवस्था से किसानों को मंडी भी नहीं जाना पड़ा। किसान की फसल खेत में ही बिक गई। मोदी ने कहा कि जिन लोगों की जमीन खिसक रही है, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे ही लोग किसानों का शोषण कर माला माल हो गए। मोदी ने कहा कि देश में 85 प्रतिशत किसान के पास जमीन बहुत कम है ऐसा किसान संगठित नहीं है। चूंकि अब छोटे किसानों का संगठन बन सकेगा, इसलिए बड़े कारोबारी से फसल का भाव ज्यादा लिया जा सकेगा। मोदी ने कहा कि कृषि सुधारों का मुख्य उद्देश्य किसान और उपभोक्ता के बीच दलालों की कड़ी को समाप्त करना है। मोदी ने किसानों के सामने दुग्ध डेयरियों का उदाहरण रखा। उन्होंने कहा कि बड़ी डेयरियां छोटे छोटे पशु पालकों से सिर्फ दूध ही नहीं खरीदती बल्कि पशुओं की देखभाल भी करती हैं। अच्छी गुणवत्ता वाला दूध अधिक मात्रा में मिले इसके लिए डेयरी प्रबंधन पशुपालकों को नई तकनीक पशु आहार जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। इसका मतलब यह नहीं की डेयरी प्रबंधन पशुओं का मालिक बन जाएगा। पशु का मालिक को संबंधित पशु पालक ही रहेगा। जो पशु पालक डेयरी से जुड़े हैं वे अपेक्षाकृत समृद्ध हैं। इसी प्रकार जब कोई किसान अपनी जमीन और खेती का अनुबंध किसी बड़े कारोबारी से करेगा तो उसे नई तकनीक के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। खेत से खरीद कर बड़ा कारोबारी सीधे उपभोक्ता को उत्पाद बेचेगा। इससे किसान को अपनी फसल का लाभ ज्यादा मिलेगा और वह अपनी जमीन का मालिक भी बना रहेगा। मोदी ने बताया कि बिहार में पांच कृषि उत्पादक संघों ने सीधे मिल मालिक को चावल बेचे जिसकी वजह से संघ में शामिल सभी किसानों को ज्यादा लाभ मिला।
एमएसपी को लेकर गुमराह किया जा रहा है:
मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी को लेकर किसानों को बेवजह गुमराह किया जा रहा है। मैं कई बार कह चुका हंू कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। मोदी ने कहा कि कोरोना काल के एक वर्ष में एक लाख 13 हजार करोड़ रुपए एमएसपी के तहत किसानों को दिए गए हैं। वर्ष 2009 से 2014 के पांच वर्ष और मेरी सरकार के पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों की तुलना की जाए तो पता चल जाएगा कि किस सरकार ने किसनों को कितना एमएसपी का भुगतान किया है। मोदी ने कहा कि नए कानून से देश का युवा वर्ग भी खेती की ओर आकर्षित होगा। पढ़े लिखे युवा जब किसानों के समूह से कोई अनुबंध करेंगे तो सभी किसानों को कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक मिलेगी। मोदी ने कहा कि नए कानून की वजह से किसान के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।