लंदन । शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है असे बच्चे के जीवन की एक स्वस्थ शुरुआत कह सकते हैं। विटामिन और पोषक तत्वों से युक्त मां का दूध जन्म के पहले छह महीनों में शिशु के लिए यह बहुत जरूरी होता है, लेकिन स्तनपान केवल बच्चे को ही फायदा नहीं पहुंचाता है, बल्कि इसका लाभ माताओं को भी होता है। यह माताओं के स्तन कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्तनपान कराने से बच्चे को तो ढेरों लाभ होते ही हैं, साथ ही यह मां के लिए भी बहुत फायदेमंद है। माताओं को भी स्तनपान से बहुत सारी बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। स्तनपान बच्चों में कैंसर के खतरे के साथ-साथ माताओं में भी इसके जोखिम को कम करता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि माताओं के लिए अधिक से अधिक 12 महीनों के लिए स्तनपान कराना स्तन या गर्भाशय के विकास से जुड़े जोखिम को कम करता है। इससे महिलाओं में स्तन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर का खतरा भी कम होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं को विकसित करता है। कैंसर स्तन के लोब्यूल्स या डक्ट्स में बनता है। ये वो ग्रंथियां हैं जिनमें दूध बनता है और जो दूध को ग्रंथियों से निप्पल्स तक पहुंचने का रास्ता देता है। कैंसर वसामय और रेशेदार स्तन ऊतकों में भी बन सकता है। इसे स्ट्रोमल ऊतक भी कहते हैं, जो महिलाएं स्तनपान करना रही होती हैं, उनमें अन्य महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर होने का खतरा कम रहता है। यही नहीं अन्य अध्ययनों के मुताबिक कम से कम एक साल तक स्तनपान कराने से माताएं डायबिटीज के खतरे से भी बच सकती हैं। स्तनपान ऑस्टियोपोरोसिस और कार्डियोवस्कुलर रोगों के खतरे को कम करने में मदद करता है। डिलीवरी के दौरान मां के शरीर को बहुत अधिक घाव और पीड़ा से गुजरना पड़ता है। स्तनपान की प्रक्रिया इन घावों को तेजी से भरने में मदद करती है और नई मां को जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में वापस लाने में मदद करता है।
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