सीएम साहब, आखिर कहां से आ रहा है शादियों में लगने वाला घरेलू गैस सिलेंडर ?

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गैस एजेंसी मालिको द्वारा खुलेआम 300 से 500 ज्यादा लेकर किया जा रहा है शादियों में सिलेंडर सप्लाई

 गैस एजेंसी मालिक द्वारा लिये जा रहे अवैध रूपये का 50 प्रतिशत जाता है जिले के ईमानदार जिला पूर्ति अधिकारी व संबंधित अधिकारियों की जेब में!प्रतिमाह मिलने वाली लाखो की रकम जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की आंखो पर बाँध दी है काली पट्टी!

सुल्तानपुर! कहने के लिये जिले के किसी भी विभाग में आप चले जाये और वहां के अधिकारियों से बात करे तो ऎसा महसूस होता है कि इस विभाग से ज्यादा ईमानदार अधिकारी व कर्मचारी किसी अन्य विभाग में नहीं होंगे! यह जिले के किसी एक विभाग की हालत नहीं है, बल्कि ये कहना गलत नहीं होगा कि यह हालत जिले के 95 प्रतिशत विभागो की है!

गौरतलब हो कि आज हम बात करते हैं जिले के महत्वपूर्ण विभाग सप्लाई विभाग की! इस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ करने पर ऎसा महसूस होता है कि इस विभाग के लोग बहुत ही ईमानदार हैं, किन्तु जब निगाह उठाकर दूसरे पहलू से देखा जाता है तो महसूस होता है कि इस इस विभाग से ज्यादा भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी शायद ही किसी विभाग में होंगे! *यह ऎसा मै इसलिए लिख रहा हूँ कि यह एक ऐसा विभाग है जिसके कंधो पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने गरीबो के घर में चूल्हे जलने की जिम्मेदारी सौंपी है!* किन्तु मुझे बड़े ही खेद के साथ यह लिखना पड़ रहा है कि यह विभाग गरीबो के घर में चूल्हा तो नहीं जलवा पा रहा है पर गरीबो को दो वक्त की रोटी के लिए आत्म हत्या करने के लिए जरूर मजबूर कर दे रहा है! *जिसका जीता जागता उदाहरण आप खुद देख सकते हैं कि जिले में जहां रसोई गैस के लिए एजेंसी पर जाकर दिन दिन भर लाइन लगाना पड़ता है और जब उनका नंबर आता है तो एजेंसी मालिक व उनके क्रमचारी कोई न कोई कारण बताकर उसे दूसरे दिन आने के लिए कहकर वापस कर देता है! वही दूसरी तरफ जिले के बड़े बड़े ठेकेदार व टेंट व कैटर्स के मालिक अपने निजी वाहन पर सैकड़ों की संख्या में खाली घरेलू गैस सिलेंडर लादकर आते हैं और मात्र 15 मिनट में ही भरा सिलेंडर लादकर ले जाते हैं!*

जरा सोचिये आखिर इनको दिया जाने वाला गैस सिलेंडर एजेंसी मालिक किस नियम के अनुसार उपलब्ध करता है! *जिले की बात दूर अगर हम सिर्फ नगर मुख्यालय की बात करे तो शहर में सैकड़ों की संख्या में मैरिज हॉल है जहां इस समय प्रतिदिन कुछ नहीं तो दर्जनों शादिया संपन्न हो रही है, जहां खाने की जिम्मेदारी का ठेका होता है, आखिर इन ठेकेदारों को प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में सिलेंडर कौन दे रहा है? सोचा जा सकता है! किन्तु यह सब जिले के जिम्मेदार अधिकारियों व जिला पूर्ति अधिकारी महोदय को नहीं दिखाई देगा, जिसकी वजह यह है कि अगर इनकी तरफ से मैरिज हॉल पर दविश डाला जाता है तो एजेंसी मालिक की पोल खुल जाएगी, और अगर गैस एजेंसी के मालिक कि पोल खुली तो जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को प्रतिमाह इनसे मिलने वाले लाखो की अवैध कमाही बंद हो जाएगी, और ऎसा होने पर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार का मिलने वाले वेतन से गुजारा नहीं होने वाला, यही वजह है कि चाहे जितने अधिकारी व कर्मचारी बदल दिया जाय जिले का भ्रष्टाचार न खत्म हुआ है और और न ही होगा! भाजपा सरकार तेरी जय हो!*

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