पाप कर्म‌ में रत जीव अशांति व असुरक्षा से घिरा रहता है: आचार्य राम

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

बाराबंकी। श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिवस पर असंद्रा बाजार में चित्रकूट से पधारे ख्याति प्राप्त कथाकार आचार्य राम जी पांडेय ने कहा कि, सत्संगति अपना दूरगामी प्रभाव डालती है, जीव को चैतन्य अवस्था में पहुंचा कर ईश्वर का कृपा पात्र बना देती है. वहीं पर पाप कर्म‌ में रत जीव अशांति व असुरक्षा से घिरा रहता है। असन्द्रा बाजार निवासी डॉ पंकज गुप्ता के आवास पर शुक्रवार सायंकाल 5 से रात्रि 9 तक इस कथा का श्रीगणेश करते हुए आचार्य राम जी पांडेय ने आगे कहा-गोकर्ण संतों की सेवा में तत्पर रहकर सज्जनों की संगति करता, इससे ही पराक्रमी और सत्पुरुष सिद्ध हुआ वहीं पर धुंधकारी पाप कर्म में जुटा रहा और अधोगति को प्राप्त हुआ। जबकि दोनों सगे भाई थे। कर्म ही मनुष्य को उसकी योग्यता के अनुरूप स्वरूप दे देते हैं। इस आयोजन में कथा के अनुरूप विभिन्न प्रकार की झांकियों का भी दिव्य दर्शन कराया गया तथा लोगों के बीच भक्ति भाव एवं सदाचार के सुमधुर भजन भी सधे संगीत के साथ प्रस्तुत किए गए। कड़ी सर्दी के बावजूद भी बड़ी तादाद में लोग कथा पांडाल में मौजूद रहे स पड़ोस के गांव से भी भारी तादाद में लोग इस आयोजन में शामिल रहे।

संस्कार नहीं धर्म है पाणिग्रहण: सलोनी पाठक

हैदरगढ़ बाराबंकी। वर एवं कन्या का पाणिग्रहण संस्कार नहीं बल्कि वह धर्म है। जिसे ईमानदारी से निर्वाह करना दोनों पक्षों का कर्तव्य है। उक्त बात वृंदावन धाम से पधारी कथा व्यास देवी सलोनी पाठक ने संतोषपुर भिटौरा शीतला मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कहीं। उन्होंने आज भगवान श्री कृष्ण एवं माता रुक्मणी के विवाह की कथा सुनाई। जिसे सुनकर भक्त भावविभोर हो गए। सलोनी पाठक ने बताया की माता रुक्मणी की भावनाएं भगवान श्री कृष्ण के प्रति पूरी तरह से निश्छल थी। एक दूसरे के प्रति प्रेम संपूर्णता को प्राप्त था। सलोनी पाठक ने बताया कि आज हमें कन्या के लिए अच्छा वर खोजना चाहिए और अच्छा घर भी खोजना चाहिए ।वैचारिक समानता का परिवार मिले तभी कन्या का पाणिग्रहण ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब भौतिक संसाधनों ने संस्कारों को पीछे छोड़ दिया है यही वजह है कि परिवार टूटते नजर आते हैं। इस दौरान आज भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी जी के विवाह की लीला के वर्णन के दौरान प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम में भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीमद्भागवत कथा में प्रमुख रूप से चंद्रप्रकाश द्विवेदी, प्रदीप कुमार, रामकरण सिंह ,एडवोकेट सियाराम यादव, पवन कुमार यादव, राम अभिलाष, देवी प्रसाद सहित तमाम लोग उपस्थित थे।

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

 

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