हमीरपुर मे CBI ने सपा एमएलसी के भाई से दो घंटे और मौरंग व्यवसायी से आधा घंटे की पूछताछ –

सपा-बसपा सरकार में हुए खनन के खेल की परतें उधेड़ रही सीबीआइ का शिकंजा कसता जा रहा है। गुरुवार को सीबीआई ने मौदहा डाक बंगले में सपा के बड़े भाई से दो घंटे और एक मौरंग व्यवसायी से आधा घंटे तक पूछताछ की। वहीं जांच तेज होने से सपा और बसपा की सरकार में रहे खनिज मंत्रियों की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। माना जा रह है कि सीबीआइ हमीरपुर सहित 22 जिलों में अवैध खनन को लेकर पूर्व खनिज मंत्रियों से पूछताछ करेगी।अवैध खनन मामले में जांच करने हमीरपुर आई सीबीआई की टीम ने मौदहा डाक बंगले में कैंप कार्यालय बनाया है। बुधवार को डीएम कार्यालय में जांच के बाद टीम ने तत्कालीन खनन विभाग और वन विभाग के अफसरों की सूची तलब की थी। गुरुवार को सीबीआई ने सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के बड़े भाई दिनेश मिश्रा को तलब किया। कैंप कार्यालय पहुंचे दिनेश मिश्रा से टीम ने करीब दो घंटे तक निरंतर पूछताछ की। इसके बाद उनके करीब रिश्तेदार और मौरंग व्यवसायी दुष्यंत सिंह को तलब किया और करीब आधा घंटे तक गहन पूछताछ की। दोपहर बाद सीबीआई टीम ने वन विभाग के लिपिक संजय शर्मा व खनिज विभाग से खान निरीक्षक जितेंद्र सिंह को जरूरी कागजतों समेत बुलाकर छानबीन की। ऐसे ही अन्य मामलों के साक्ष्य जुटाने को सीबीआइ ने खनन पट्टों के संबंध में वर्ष 2009 से 2016 तक खनिज विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों व विभाग को उच्चधिकारियोें के यहां से आने वाले पत्रों की जांच शुरू कर दी है।हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सीबीआइ ने जिले में सबसे पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला के कार्यकाल में हुए अवैध पट्टों की जांच कर साक्ष्य जुटाना शुरू किया था। जांच 2016 तक पहुंचने के बाद वापस 2010 की ओर लौटी। सीबीआइ को जिले में हुए अवैध खनन के तार सीधे लखनऊ स्थित खनिज निदेशालय से जुड़े होने के साक्ष्य मिले। इसको लेकर सीबीआइ तत्कालीन खनिज मंत्रियों से भी पूछताछ करने के मूड में है।सपा सरकार में खनिज मंत्री रहे गायत्री प्रसाद से जेल में पूछताछ करने के लिए सीबीआइ शासन को पत्र भेज चुकी है। बसपा सरकार में खनिज मंत्री रहे बाबू ङ्क्षसह कुशवाहा से भी पूछताछ कर सकती है। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने बताया कि चार्जशीट दाखिल करने से पहले सीबीआइ उक्त लोगों से पूछताछ कर सकती है। इनके साथ ही कुछ अधिकारियों को भी सीबीआइ पूछताछ के लिए बुला सकती है।विज्ञापनों की आड़ में खनन पïट्टों में सिंडीकेट का खेल पकडऩे के बाद अब सीबीआइ ने जांच और तेज कर दी है। टीम ने बुधवार को सूचना कार्यालय में घंटों अभिलेख खंगाले थे। कैंप कार्यालय में वन दारोगा, चिकासी थाने के पूर्व प्रभारी से करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ बसपा शासन में हुए अवैध खनन के साक्ष्य जुटाने में लगी है। सरीला क्षेत्र के बेंदा दरिया सहित अन्य खनन क्षेत्रों की टेंडर प्रक्रिया से लेकर पट्टा स्वीकृति तक के अभिलेखों की जांच की जा रही है।सीबीआइ ने खनिज विभाग से खनन पट्टों के संबंध में जारी निर्देशों व सीएम कार्यालय, खनिज निदेशालय व डीएम कार्यालय से विभाग को जारी किए गए आदेशों की गहन जांच शुरू की है। खनिज विभाग से जारी जानकारी सूचना कार्यालय में दर्ज न होने की वजह तलाशी जा रही है। साथ ही वर्ष 2007 से 2016 तक अन्य खनन पट्टों के संबंध में खनिज विभाग द्वारा जारी आदेश व विभाग को उच्चाधिकारियों के यहां से आए पत्रों की भी पड़ताल की जा रही है। टीम ने 2010 में सरीला क्षेत्र में तैनात रहे वन दारोगा सत्यनारायन गौतम से करीब तीन घंटे और चिकासी थाने के तत्कालीन प्रभारी हीरालाल से साढ़े तीन घंटे पूछताछ की थी।

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