भारत पाकिस्तान महासंघ के बीच दीवार है कैब: राजनाथ शर्मा नागरिक संशोधन बिल का गांधीवादी ने किया विरोध

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट

बाराबंकी। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश का महासंघ बनाओ के संयोजक एवं गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध प्रकट करते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। जहाँ बहुभाषी, बहुधर्मी और मिश्रित संस्कृति के लोग आपस में मिलजुल कर रहते है। हाल ही में 9 नवंबर को अयोध्या प्रकरण पर ऐतिहासिक फैसला आया, उसी दिन करतारपुर कॉरिडोर का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि 09 नवंबर के दिन जर्मनी में बर्लिन की दीवार टूटी थी उसी दिन हिंदुस्तान से पाकिस्तान जाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कराया। जिससे कि भारतवासी पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन आसानी से कर सके। उनके उद्धबोधन से ऐसा लग रहा था कि जैसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच महासंघ का कोई रास्ता निकाला जा सकता है। लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद अब ऐसा लग रहा है कि तीनों देशों के बीच रिश्तों पर व्यापक असर पड़ेगा। श्री शर्मा ने कहा कि इस विधेयक से देश के मुसलमानों में भय का वातावरण पैदा करने का काम किया जा रहा है। यही नही भारत के पड़ोसी देशो में रहने वाले मुसलमानों में भी इस बिल का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। जिससे आंतरिक और वाह्य सुरक्षा का खतरा बढ़ जायेगा। भारत विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों का बहुयामी स्वरूप है। इस विधेयक के लागू होने से भारत की सभ्यता और संस्कृति पर विपरीत असर पड़ेगा। इसलिए सामाजिक एकता, आपसी भाईचारा और देश में सौहार्द का वातावरण बनाने के लिए डॉ राममनोहर लोहिया और दीन दयाल उपाध्याय ने 12 अप्रैल 1964 को भारत पाक महासंघ बनाने की मुहिम शुरू की थी। अब वर्तमान स्थिति में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच महासंघ को बनाने का प्रयास ही सद्भावना का एकमात्र रास्ता है। श्री शर्मा ने कहा कि कश्मीर, बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और भारत के आस पास के छोटे राष्ट्रों के बीच अच्छे रिश्ते बना कर ही महासंघ को स्थापित किया जा सकता है। जो पूरे विश्व में एक बड़ी शक्ति के रूप में मानवता और सौहार्द का संदेश दे सकती है। इस प्रकार के बिल न तो राष्ट्रभक्ति के प्रतीक है और न ही भारतीय समाज के बहुसंख्यक लोग इस प्रकार की भ्रमित देशभक्ति को पसंद करते है। यह महात्मा गाँधी का देश है। जहाँ की संस्कृति में कबीर, रहीम, रसखान भी राम के उपासक है और तुलसी, गांधी, लोहिया भी राम के उपासक है।संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट 

Don`t copy text!