अगर समाज में तुम्हारी इज्जत है तो दूसरों की इज्जत करनी चाहिए-मौलाना नदीम

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। वो किरदार बेमकसद होता है जिसमें शराफत और उल्फत नहीं होती। अगर तुम चाहते हो कि समाज में तुम्हारी इज्जत हो तो, दूसरों की इज्जत करना सीखो। यह बात कर्बला सिविल लाइन में मरहूम अल्हाज शुजाअत हुसैन इब्ने वजाहत हुसैन की मज्लिसे बरसी को खिताब करते हुये मौलाना नदीम रजा फैजाबादी ने कही। मौलाना ने ये भी कहा कि लाख कोशिशों के बादभी बातिल हक को दबा नही पाता है, हक हर दौर में उभर कर अपनी पहचान बनाता है। घमंड को अल्लाह पसंद नहीं करता घमंडी का घमंड मिट्टी में मिल जाता है। फिरऔन किसी जात का नाम नहीं, यह एक करेक्टर है। जहां भी खुदाई अनानियत(घमंड) पाया जाता है,वही फिरौनीयत है। दुनियां वालों को बुराइयों से दूर रखते हैं अहले बैत ए रसूल। अगर कामयाबी चाहिये तो सच्चाई के साथ अहले बैते रसूल का दामन थाम लो, दुनियां व आखेरत संवर जाएगी। आखिर में कर्बला वालों के मसायब पेश किये जिसे सुनकर सभी रो पड़े। मजलिस से पहले डा. रजा मौरान्वी ने अपना बेहतरीन कलाम पढ़ा ‘मेरी दुनियां है गमें शब्बीर और इश्के अली, मुझे मालूम नहीं कौन कहाँ है क्या है। हाजी सरवर अली कर्बलाई ने अपना बेहतरीन कलाम पेशकार्ते हुये पढ़ा ‘मुमकिन नहीं है शाह का गम हो सके रकम, सरवर तखय्युलात की चादर समेट ले। इसके अलावा आसिफ अख्तर बाराबंकवी, हैदर आब्दी, हैदर जैदी, अमान अब्बास काजमी, अयान अब्बास काजमी, रजा मेहदी,समद और एहसान सल्लमहू ने भी नजरानये अकीदत पेश किया। निजामात अयान अब्बास ने की। मजलिस का आगाज तिलावते कलाम पाक से हैदर आब्दी व अयान काजमी ने किया। बादे मजलिस मुल्क मे अमन कायम रहने व कोरोना जैसी वबा से नजात्के लिये दुआएं की गईं।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

 

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