प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन पुलिस ने प्रदर्शन से रोका, लाठी चार्ज हजारों की संख्या में कार्यकर्ता डटे रहे कार्यकर्ताओं ने अर्धनग्न हो भयानक ठंड में किया प्रदर्शन पूरे देश में है नागरिकता संशोधन अधिनियम व सरकार के अलोकतांत्रिक चरित्र के विरुद्ध जन आक्रोश – शिवपाल यादव देश में है विरोध से आगे बढ़कर विद्रोह की स्थिति – शिवपाल यादव

लखनऊ । बुधवार - 18 दिसम्बर, 2019

नागरिकता संशोधन विधेयक, एन०आर०सी० विवाद और सर्वोच्च न्यायालय, सीबीआई व चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर हो रहे हस्तक्षेप व हमले के विरोध में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यकर्ताओं ने ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ के संकल्प के साथ राजधानी में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने अर्धनग्न हो भयानक ठंड में प्रदर्शन किया । जीपीओ तक पैदल मार्च निकाल रहे प्रसपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लाठी के बल पर फटकार कर खदेड़ा और लाठी चार्ज किया। इसी क्रम में जीपीओ स्थित गाँधी प्रतिमा तक जा रहे कार्यकर्ताओं को रोकने पर प्रसपा प्रमुख श्री शिवपाल सिंह यादव पार्टी कार्यालय के बाहर उपवास पर बैठ गए।

सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरना दे रहे श्री शिवपाल यादव ने कहा कि इस कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध ही नहीं विद्रोह की स्थिति है। सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। श्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा जीपीओ स्थित राष्ट्रपिता के प्रतिमा तक पैदल मार्च के संकल्प को देखते हुए प्रशासन द्वारा काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था । कार्यकर्ताओं को रोकने के बैरीकेडिंग भी लगा दी गई है। इस दौरान जब प्रसपा कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस से उनकी हल्की झड़प भी हुई। नागरिकता संशोधन कानून और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) लखनऊ में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नागरिकता संसोधन कानून का हम विरोध करते हैं। यह देश हित में नहीं है। इस कानून से देश की एकता और अखंडता को खतरा है। उन्होंने कहा कि देश में अमन और शांति के लिए यह सांकेतिक उपवास है। सरकार की गलत नीतियों के चलते ही ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ के संकल्प के साथ उपवास व शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार के घेरते हुए कहा कि यूपी में विकास, भुखमरी, भ्रष्टाचार और दुष्कर्म जैसी घटनाओं से मुकाबला करने में सरकार फेल नजर आ रही है। देश और प्रदेश के अन्नदाता सबसे ज्यादा परेशान हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक संशोधन कानून का हम पुरजोर विरोध करते हैं। इसमें मुस्लिमों को सूची से बाहर किया जाना न्याय नहीं है।

आज के कार्यक्रम के पूर्व शिवपाल यादव ने tweet कर जनता से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की

श्री शिवपाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा –
नागरिकता संशोधन अधिनियम’ के मुद्दे पर पूरे देश में हालात तनावपूर्ण हैं। यह दुखद है कि देश में साम्प्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर से लेकर देश की हिन्दी पट्टी में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। पूर्वोत्तर में विरोध से आगे बढ़कर विद्रोह की स्थिति है।
ऐसा कोई भी कानून जो सामाजिक सद्भाव, समाजवाद, पंथ निरपेक्षता व संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों के विरुद्ध है, अमानवीय, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है और मेरी उससे असहमति है। संवैधानिक दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्ज करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है ।
मैं लोगों से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं। ध्यान रहे कि हमारे असंतोष का लाभ साम्प्रदायिक शक्तियां न उठा सकें।
आज भावनात्मक मुद्दों को छोड़कर नौजवानों, किसानों, पिछड़ों, दलितों, मजदूरों,अल्पसंख्यकों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाए जाने की जरूरत है।

Don`t copy text!