ऊंचा रसूख या पैसों की हनक” जनता विचार में, एक सिपाही की सरेआम तीन लोगो ने की…. दबंगों पर कार्रवाई न हुई तो क्षेत्र के गुंडों में खत्म हो जाएगा पुलिस का खौफ,

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“रोज आम आदमी की सरेराह बेईजजती करने वाले दबंगों के होंसले बुलंदी पर तभी छोड़ा पुलिस पर हाथ,

बाराबंकी-जिले के असन्द्रा थाना मे तैनात एक सिपाही को बुधवार थाने से थोड़ी दूरी पर स्थित नई सड़क चौराहा पर साम लगभग 8:00 बजें वहां कबाड़ी की दुकान चलाने वाले हफीज पुत्र रशीद से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गयी। दोनो के बीच गाली गलौज होने लगी।प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो हफीज ने सिपाही को थप्पड़ जड़ दिया और बाईक से भाग निकला।सिपाही ने उसका पीछा करते हुए उसके घर सरैय्या तक पीछा करते जा पहुंचे।जहां हफीज अपने भाई अंसार के साथ सिपाही की जमकर धुनाई करना शुरू कर दिया।इतना होते देख पड़ोसी अपने घर का दरवाजा बंद कर छत से नजारा देखते रहे। इसी बीच घर मे मौजूद तीसरा भाई इसरार कुल्हाड़ी लेकर सिपाही के उपर हमला करना चाहा।लेकिन तब तक घटनास्थल पर डायल 112 की पुलिस पहुंच गयी।किसी तरह सिपाही की जान बच पाई।लेकिन इतना सब होते हुए थाने मे कोई मामला दर्ज नही हुआ।जिससे क्षेत्र मे चर्चाए तेज हो गयी है कि जब भीड़ भरे तिराहे पर पुलिस की खुलेआम फजीहत होती है।जिसमे 24 घंटे बाद भी कोई कार्यवाई तो दूर की बात थाने पर मामले कोई लिखा पढ़ी तक नही दर्ज हो सकी।इतना ही नही मामले को लेकर क्षेंत्र के रसूखदारों का दबदबा पुलिस पर भारी पड़ता दिखा।यही कारण है की इतना सब होते हुए गुंडागर्दी करने वाले उपरोक्त जिन्हे जेल मे होना चाहिए व खुलेआम थाने के आस पास चक्कर लगाते रहे।

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