मध्यप्रदेश में 3500 से अधिक जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

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कोविड की सेवाएं ठप करने की चेतावनी

भोपाल । राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में गुरुवार को 3500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के 6 बड़े अस्पतालों के डाक्टर शामिल हैं। डाक्टरों ने मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में अब कोविड वार्ड की सेवाएं भी बंद करने की चेतावनी दी है। इधर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि डाक्टरों से हमारी बात चल रही है कोई हड़ताल पर नहीं जाएंगे।

जेडीए अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा ने बताया कि यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो सभी डाक्टर्स इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार करेंगे साथ ही कोविड वार्ड में भी नहीं जाएंगे, ओपीडी और अन्य सभी प्रकार की सेवाएं बंद कर देंगे। जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। मालूम हो कि जो मैं डॉक्टर कोविड-19 में अस्पतालों में सिर्फ कोविड-19 मरीजों का इलाज करने, समुचित स्टाइपेंड, 1 साल का शिक्षण शुल्क माफ करने, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित दस हजार महीना अतिरिक्त वेतन देने सहित अन्य मांगों की मांग कर रहे हैं।

जूनियर डाक्टरों ने बताया कि हमने एक माह पहले ही सूचना दे दी थी। हमने सरकार को 6 माह पहले इसका नोटिस दे दिया था। जबकि एक माह पहले भी नोटिस दे दिया था कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे।

यह है मांग

डाक्टरों के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
डाक्टरों के लिए भी बेड की व्यवस्था की जाए।
एक साल से हम कोविड में ड्यूटी दे रहे हैं। उसे ग्रामीण बांड में गिना जाए।
-हमारी पढ़ाई का एक साल बर्बाद हो रहा है, जिसकी फीस भी माफ की जाना चाहिए।
-हमारी स्टायपंड को बढ़ाया जाए।

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