चरम पर पहुंची महंगाई, तेल-दालों के साथ ही अंडा-मांस भी हुआ महंगा

कोरोना काल में महंगाई से आम जनता परेशान है. गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल-डीजल तक सभी के दामों में तेजी देखने को मिल रही है. कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में अब तक के उच्चतम स्तर 10.49 प्रतिशत पर पहुंच गई. सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से इस बारे में जानकारी मिली है. वहीं, मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी.

मंत्रालय ने कहा, मुख्य रूप से कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल जैसे खनिज तेलों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते अप्रैल 2021 में मुद्रास्फीति की वार्षिक दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अधिक है.

आपको बता दें इस दौरान अंडा, मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.92 प्रतिशत रही. हालांकि, सब्जियों की कीमतों में 9.03 प्रतिशत की कमी हुई है. दूसरी ओर अंडा, मांस और मछली की कीमतें 10.88 फीसदी बढ़ीं. अप्रैल में दालों की महंगाई दर 10.74 फीसदी थी, जबकि फलों में यह 27.43 फीसदी रही. इसी तरह ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति अप्रैल में 20.94 प्रतिशत रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों में यह 9.01 प्रतिशत थी.

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