चीन के प्रतिरक्षा मंत्रालय ने बल देकर कहा है कि अमेरिका विश्व में सबसे बड़ा परमाणु खतरा है।
चीन के प्रतिरक्षा मंत्रालय ने अपने देश की परमाणु क्षमताओं के बारे में पेंटागन की रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में बल देकर कहा है कि अमेरिका विश्व में सबसे बड़ा परमाणु खतरा है। चीनी समाचार एजेन्सी शिनहुआ की रिपोर्ट के अनुसार वू कियान ने कहा कि पेंटागन ने चीन की परमाणु क्षमताओं के बारे में जो रिपोर्ट दी है उसमें वास्तविकताओं की अनदेखी की गयी है, वह गलतियों से भरी पड़ी है और पक्षपातपूर्ण है। अभी हाल ही में अमेरिकी प्रतिरक्षामंत्रालय पेंटागन ने चीन की परमाणु क्षमता के बारे में जो रिपोर्ट दी थी उसमें कहा था कि अगले 10 सालों में चीन की परमाणु क्षमता पांच गुना अधिक हो जायेगी। पेंटागन के अनुमान के अनुसार वर्ष 2030 तक कम से कम एक हज़ार परमाणु वार हेड्स चीन के पास हो जायेंगे। इसी प्रकार पेंटागन का अनुमान है कि पिछले वर्ष तक चीन के पास 200 परमाणु वार हेड्स थे।
चीन प्रतिरक्षामंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा है कि पेंटागन ने चीन की सैनिक शक्ति के खतरे के बारे में जो रिपोर्ट दी है वह मनगढंग है और चीन की परमाणु क्षमता के बारे में उसने निराधार दावे किये हैं और यह चीन के आंतरिक मामलों विशेषकर ताइवान समस्या के बारे में खुला हस्तक्षेप है। चीनी प्रतिरक्षामंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी प्रकार कहा कि चीन की सैनिक शक्ति में विस्तार देश की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए किया जा रहा है और यह राष्ट्रीय हितों के आधार पर है और किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने ताइवान के मामले में अमेरिकी दृष्टिकोणों की आलोचना की और कहा कि विश्व में केवल चीन है और ताइवान उसका अटूट अंग है। ज्ञात रहे कि स्वंय अमेरिका सहित राष्ट्रसंघ के सदस्य देश ताइवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।
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